पाकिस्तान में 'योगी मॉडल' की चर्चा: क्या है इसकी सफलता का राज?

योगी मॉडल पर अंतरराष्ट्रीय चर्चा
उत्तर प्रदेश में लागू 'योगी मॉडल' अब केवल भारत में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया है। हाल ही में पाकिस्तान की संसद में इस मॉडल पर चर्चा हुई, जिसने राजनीतिक और मीडिया जगत में हलचल मचा दी है। विपक्षी सांसदों और कुछ सत्ताधारी नेताओं ने कानून व्यवस्था के संदर्भ में 'योगी आदित्यनाथ मॉडल' की सराहना की। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक सांसद ने पाकिस्तान के बजट और राजस्व की तुलना उत्तर प्रदेश से की है।
पाकिस्तानी सांसद की तुलना
वायरल वीडियो में एक सांसद नेशनल असेंबली में अपने विचार रखते हुए कहा कि भारत हमारा दुश्मन है, लेकिन एक तथ्य तो देखिए। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान का कुल बजट 62 बिलियन डॉलर है, जबकि उत्तर प्रदेश का बजट 97 बिलियन डॉलर है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान का राजस्व 50 बिलियन है, जबकि उत्तर प्रदेश का 80 बिलियन है।
- Budget of Pakistan: 62 billion
— Mr Sinha (@MrSinha_) June 17, 2025
- Budget of UP alone: 97 billion
- Total Revenue of Pakistan : 50 billion
- Total revenue of UP : 80 billion
A Pakistani lawmaker himself accepted this in the Pakistani Parliament. pic.twitter.com/ahO4FnjJtr
योगी मॉडल की पूर्व चर्चा
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान में योगी मॉडल की चर्चा हुई है। इससे पहले भी कानून व्यवस्था के संदर्भ में इस मॉडल पर चर्चा हो चुकी है। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब प्रांतों में हालिया अपराधों में वृद्धि और राजनीतिक अस्थिरता ने इस बहस को जन्म दिया। विपक्षी नेता शेर अफगान ने कहा, "हमें योगी आदित्यनाथ जैसा नेतृत्व चाहिए जो अपराधियों से सख्ती से निपटे।"
योगी मॉडल की विशेषताएँ
योगी आदित्यनाथ का प्रशासनिक मॉडल मुख्य रूप से कानून-व्यवस्था, माफिया पर सख्ती, अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर कार्रवाई, तेज निर्णय और प्रशासनिक जवाबदेही पर आधारित है। इस मॉडल के तहत उत्तर प्रदेश में पुलिस को अधिक सशक्त किया गया है, जिससे अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की गई है। पाकिस्तानी मीडिया और सोशल मीडिया पर 'योगी मॉडल' ट्रेंड करने लगा है। कुछ आलोचकों ने इसे 'हिंदू राष्ट्रवादी प्रभाव' कहा है, जबकि कई लोग इसे 'प्रभावी शासन' का प्रतीक मानते हैं।
क्या पाकिस्तान में योगी मॉडल लागू हो सकेगा?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान में 'योगी मॉडल' जैसी कठोर नीतियों को लागू करना आसान नहीं होगा। वहां की लोकतांत्रिक संस्थाएं, सेना का प्रभाव, जातीय विविधता और मानवाधिकार संगठनों का दबाव इसे पूरी तरह से अपनाने में बाधा डाल सकते हैं।