पाकिस्तानी सेना प्रमुख की सत्ता पर कब्जा करने की योजना का खुलासा

चौंकाने वाला दावा
सेवानिवृत्त पाकिस्तानी सेना अधिकारी और वर्तमान व्हिसलब्लोअर मेजर आदिल राजा ने एक गंभीर आरोप लगाया है। उनके अनुसार, मौजूदा सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर पाकिस्तान की सत्ता पर पूरी तरह से नियंत्रण स्थापित करने की योजना बना रहे हैं। राजा का कहना है कि मुनीर न केवल खुद को राष्ट्रपति बनाना चाहते हैं, बल्कि अपने एक रिश्तेदार को प्रधानमंत्री बनाने की भी तैयारी कर रहे हैं।
लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप
एक मीडिया इंटरव्यू में, आदिल राजा ने कहा कि असीम मुनीर पाकिस्तान में लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सेना प्रमुख ने पहले ही खुद को फील्ड मार्शल की उपाधि दे दी है और अब वे राजनीतिक अराजकता फैलाकर देश पर नियंत्रण स्थापित करना चाहते हैं। राजा ने यह भी कहा कि मुनीर का मौजूदा राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साथ संबंध सामान्य नहीं हैं।
साजिश का आरोप
पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ साजिश
राजा ने कहा, "यह पूरी योजना सेना प्रमुख असीम मुनीर की है। वह खुद राष्ट्रपति बनना चाहते हैं या किसी अन्य जनरल को इस पद पर बिठाना चाहते हैं, जबकि प्रधानमंत्री पद के लिए वह अपने करीबी रिश्तेदार को चुनना चाहते हैं।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ चल रही साजिश के पीछे मुनीर की रणनीति है।
ISI की कार्रवाई
ISI हुई सक्रिय
राजा के बयानों के बाद पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) सक्रिय हो गई है। ISI के पंजाब सेक्टर के कमांडर ब्रिगेडियर राशिद नासिर ने लंदन में आदिल राजा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है।
राजा के आरोप
राजा ने लगाया आरोप
राजा ने यह भी खुलासा किया कि ब्रिटेन की आतंकवाद-रोधी पुलिस ने उन्हें नौ महीनों तक जांच के दायरे में रखा, लेकिन अंततः उन्हें निर्दोष घोषित किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सेना उन्हें चुप कराने के लिए ब्रिटेन के मानहानि कानूनों का दुरुपयोग कर रही है।
पाकिस्तानी सेना की राजनीतिक दखलअंदाजी
पाकिस्तानी सेना की राजनीतिक दखलअंदाजी
राजा ने कहा कि पाकिस्तान में उनके परिवार को प्रताड़ित किया जा रहा है। उनकी मां को नजरबंद किया गया है और उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया गया है ताकि वे पाकिस्तान लौट न सकें। राजा ने दावा किया कि उनकी अनुपस्थिति में कोर्ट मार्शल किया गया और उन्हें पाकिस्तान के गोपनीयता कानून के तहत 14 साल की सजा सुनाई गई। उन्होंने कहा कि उनका अपराध केवल इतना था कि उन्होंने पाकिस्तानी सेना की राजनीतिक दखलअंदाजी और आंतरिक अपराधों को उजागर किया।