पानीपत में बैंक की लापरवाही: सेवानिवृत्त कर्मचारी के दस्तावेज नहीं लौटाए
पानीपत में बैंक की लापरवाही का मामला
पानीपत (Panipat)। एक सेवानिवृत्त बैंककर्मी को लोन चुकता करने के बाद भी बैंक ने उनके मकान के दस्तावेज वापस नहीं किए। जब उन्होंने बैंक से दस्तावेजों की मांग की, तो बैंक अधिकारी ने कहा कि रिकॉर्ड गुम हो गया है, जिससे दस्तावेज लौटाने से मना कर दिया गया। जिला उपभोक्ता आयोग ने बैंक की इस लापरवाही को गंभीरता से लिया है। आयोग के अध्यक्ष डॉ. आरके डोगरा ने बैंक को 45 दिनों के भीतर दस्तावेज खोजकर लौटाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, लापरवाही के लिए संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने और उसके वेतन से 20 हजार रुपये का जुर्माना काटने का निर्देश भी दिया गया है।
मामले का विवरण
सेक्टर-12 के निवासी राकेश ने जुलाई 2021 में जिला उपभोक्ता आयोग में याचिका दायर की थी। उन्होंने बताया कि वे इंडियन बैंक में कार्यरत थे और 1997 में घर बनाने के लिए तीन लाख रुपये का लोन लिया था। बैंक ने उनके घर के दस्तावेज सुरक्षा के रूप में रख लिए थे। वे नियमित रूप से लोन की किश्तें चुकाते रहे और जब वे 2020 में सेवानिवृत्त हुए, तब उनका लोन पूरा हो गया।
बैंक की लापरवाही पर आयोग की कार्रवाई
लोन चुकता करने के बाद, राकेश ने बैंक से अपने दस्तावेज मांगे, लेकिन बैंक ने रिकॉर्ड न होने का बहाना बनाकर दस्तावेज लौटाने से मना कर दिया। कई बार अनुरोध करने के बाद भी जब कोई समाधान नहीं मिला, तो उन्होंने उपभोक्ता आयोग में याचिका दायर की। सुनवाई के दौरान, बैंक ने कहा कि रिकॉर्ड लोन के साथ ट्रांसफर कर दिया गया था।
आयोग का निर्णय
आयोग ने बैंक के इस दावे को खारिज करते हुए जीटी रोड पानीपत शाखा को रिकॉर्ड गुम करने का दोषी ठहराया। आयोग ने बैंक को आदेश दिया कि 45 दिनों के भीतर रिकॉर्ड खोजकर उपभोक्ता को लौटाए। इसके अलावा, लापरवाही के लिए संबंधित कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई करने और बैंक पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का भी आदेश दिया गया है।
