पानीपत में साइबर ठगी का मामला: 42.70 लाख रुपये की धोखाधड़ी का शिकार हुआ सेवानिवृत्त अधिकारी
पानीपत में ठगी का मामला
पानीपत (पानीपत क्राइम न्यूज़)। नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (एनएफएल) से रिटायर हुए सुभाष, जो समालखा के निवासी हैं, को 17 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखकर 42.70 लाख रुपये की ठगी का शिकार बनाया गया है। साइबर ठगों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच और सीबीआई के अधिकारी बताकर फोन किया और कहा कि उन्होंने सुभाष का खाता एक व्यक्ति को बेचा है, जिसने उसमें दो करोड़ रुपये का लेन-देन किया है।
शिकायत पर कार्रवाई
पानीपत में शिकायत के आधार पर मामला दर्ज
ठगों ने सुभाष को 10 प्रतिशत कमीशन देने का लालच दिया। उन्होंने 16 अक्टूबर से 2 नवंबर तक सुभाष को डिजिटल अरेस्ट में रखा और विभिन्न खातों में 42.70 लाख रुपये का लेन-देन कराया। जब सुभाष को ठगी का अहसास हुआ, तब तक ठगों ने उनका नंबर ब्लॉक कर दिया था। पानीपत साइबर क्राइम थाना पुलिस ने उनकी शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है।
धोखाधड़ी की प्रक्रिया
दो करोड़ रुपये का झांसा
सुभाष ने बताया कि 16 अक्टूबर को उन्हें एक कॉल आई, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया। उसने कहा कि नरेश नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जिसने उनका खाता पांच लाख रुपये में खरीदा है और उसमें दो करोड़ रुपये का लेन-देन किया है। कॉल करने वाले ने उन्हें डराया और कहा कि उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया गया है।
ठगी का तरीका
कैसे हुई ठगी
सुभाष ने पानीपत के साइबर क्राइम थाने में बताया कि 17 अक्टूबर को उन्हें बैंक जाकर पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा गया। उन्होंने पीएनबी में 6.70 लाख रुपये जमा किए, फिर 18 अक्टूबर को 10 लाख रुपये और 22 अक्टूबर को 11 लाख रुपये यस बैंक में ट्रांसफर किए। 1 नवंबर को फिर से फोन आया और 15 लाख रुपये जमा करने को कहा गया, जिसे उन्होंने एसबीआई में जमा कर दिया।
पुलिस कार्रवाई
2 नवंबर को आरोपियों ने कहा कि उन्हें केस से छोड़ दिया गया है और पैसे 48 घंटे में वापस मिल जाएंगे। लेकिन जब पैसे नहीं आए, तो सुभाष ने फिर से कॉल किया, लेकिन उनका नंबर ब्लॉक कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने अपने बेटे से बात की और साइबर क्राइम थाने जाकर शिकायत दर्ज कराई।
