पारस हेल्थ गुरुग्राम ने दिल के मरीजों के लिए नई तकनीकों से इलाज की शुरुआत की

दिल के मरीजों के लिए नई तकनीकों का आगाज़
(चंडीगढ़ समाचार) चंडीगढ़/सोनीपत। पारस हेल्थ गुरुग्राम ने दिल के मरीजों के लिए बिना सर्जरी वाली तीन नई तकनीकों का इलाज शुरू किया है। इनमें TAVR (ट्रांसकैथेटर ऑर्टिक वॉल्व रिप्लेसमेंट), माइट्राक्लिप और दुनिया का सबसे छोटा पेसमेकर शामिल हैं। ये तकनीकें विशेष रूप से बुजुर्ग और उच्च जोखिम वाले मरीजों के लिए दिल के इलाज को सरल बनाती हैं। इस पहल की जानकारी शुक्रवार को कोजेट होटल में आयोजित एक कार्यक्रम में दी गई, जिसमें क्षेत्र के प्रमुख डॉक्टर, स्वास्थ्य विशेषज्ञ और मीडिया के लोग शामिल हुए।
कम दर्दनाक उपचार का उद्देश्य
इस नई पहल का मुख्य उद्देश्य ओपन-हार्ट सर्जरी के बजाय कम दर्दनाक उपचार प्रदान करना है। TAVR और माइट्राक्लिप जैसी प्रक्रियाएं बिना बड़े चीरे के, पतली ट्यूब (कैथेटर) के माध्यम से दिल के खराब वॉल्व को ठीक या बदल देती हैं। ये तकनीकें बुजुर्ग और उच्च जोखिम वाले मरीजों के लिए उपचार को आसान बनाती हैं, जिससे उन्हें अस्पताल में कम समय बिताना पड़ता है और जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है।
सुरक्षित सर्जरी का विकल्प
पहले हमारे कई बुजुर्ग या कई बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के पास सुरक्षित सर्जरी का कोई विकल्प नहीं था
पारस हेल्थ गुरुग्राम के कार्डियोलॉजी निदेशक डॉ. अमित भूषण शर्मा ने कहा, “TAVR और माइट्राक्लिप जैसी तकनीकों के माध्यम से हम अब हृदय के वॉल्व की बीमारी का इलाज बिना ओपन-हार्ट सर्जरी के कर सकते हैं। पहले हमारे कई बुजुर्ग या कई बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के पास सुरक्षित सर्जरी का कोई विकल्प नहीं था। ये कम दर्दनाक तकनीकें उन्हें जल्दी ठीक होने और सामान्य जीवन जीने में मदद कर रही हैं।”
भारत में सीमित उपलब्धता
भारत में यह नए जमाने की तकनीक कुछ ही अस्पतालों में उपलब्ध है
पारस हेल्थ ने दुनिया का सबसे छोटा पेसमेकर भी पेश किया है, जो एक बड़ी विटामिन कैप्सूल के आकार का होता है और इसे पतली ट्यूब (कैथेटर) के जरिए सीधे हृदय में लगाया जाता है। इसके लिए छाती पर चीरा लगाने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे संक्रमण का खतरा कम होता है और मरीज जल्दी ठीक हो जाता है। भारत में यह तकनीक कुछ ही अस्पतालों में उपलब्ध है, जिनमें पारस हेल्थ भी शामिल है।
लेज़र-असिस्टेड एंजियोप्लास्टी
इसके अलावा, अस्पताल ने लेज़र-असिस्टेड एंजियोप्लास्टी की प्रक्रिया को भी प्रमुखता से बताया। इस प्रक्रिया में लेज़र की मदद से धमनियों में जमा ब्लॉकेज को सटीक तरीके से साफ किया जाता है। यह तकनीक विशेष रूप से उन मरीजों के लिए फायदेमंद होती है जिनकी दिल की बीमारी जटिल होती है। कार्यक्रम में विशेषज्ञों की बातचीत और मरीजों के अनुभव साझा किए गए, जिससे पता चला कि ये नए उपचार पहले ही कई लोगों की ज़िंदगी में बदलाव ला रहे हैं।