Newzfatafatlogo

पुणे नगर निगम चुनाव में महाविकास अघाड़ी की रणनीति

पुणे नगर निगम चुनाव में महाविकास अघाड़ी की रणनीति और शरद पवार की चुनौती पर चर्चा। शरद पवार की पार्टी और अजित पवार के बीच की बातचीत में उलटफेर, सीटों का बंटवारा और चुनावी समीकरणों का बदलना इस चुनाव को दिलचस्प बना रहा है। जानें कैसे ये चुनाव शरद पवार के परिवार के लिए महत्वपूर्ण हैं और किस प्रकार से गठबंधन की तैयारियाँ चल रही हैं।
 | 
पुणे नगर निगम चुनाव में महाविकास अघाड़ी की रणनीति

पुणे में चुनावी हलचल

महाविकास अघाड़ी ने मुंबई में चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया है, लेकिन पुणे में यह गठबंधन चुनावी मैदान में उतरेगा। महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों में इस प्रकार की उलटबांसी देखने को मिल रही है। पुणे नगर निगम (पीएमसी) के चुनाव के लिए शरद पवार की एनसीपी और अजित पवार की एनसीपी के बीच बातचीत चल रही थी। शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने खुद इस मामले में बातचीत की, लेकिन सीटों की संख्या पर सहमति नहीं बन पाई। इसके बाद, उन्होंने अजित पवार से बातचीत को छोड़कर महाविकास अघाड़ी के साथ फिर से चर्चा शुरू की। यह ध्यान देने योग्य है कि पुणे नगर निगम की स्थिति शरद पवार के परिवार के लिए बारामती सीट के समान है, जहां उनका प्रभाव दशकों से बना हुआ है। अजित पवार के अलग होने के बाद यह पहला मौका है जब नगर निगम का चुनाव हो रहा है।


शरद पवार की चुनौती

इसलिए, शरद पवार के लिए यह आवश्यक है कि उनकी पार्टी इस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करे। लोकसभा चुनाव में बारामती सीट पर शरद पवार की बेटी ने अजित पवार की पत्नी को हराया था, जबकि विधानसभा चुनाव में अजित पवार ने शरद पवार के पोते रोहित पवार को हराया। इस प्रकार, दोनों के बीच की लड़ाई बराबरी पर है। अब पीएमसी चुनाव यह तय करेगा कि कौन बड़ा है। इसीलिए, सुप्रिया सुले ने कांग्रेस और शिवसेना से बातचीत की है। खबरों के अनुसार, कांग्रेस ने पीएमसी की 165 सीटों में से सभी को समान सीटों का प्रस्ताव दिया है। दूसरी ओर, शरद पवार की पार्टी अकेले आधी सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छुक है। इस प्रकार, पुणे नगर निगम चुनाव का गठबंधन और तैयारी दोनों ही बेहद दिलचस्प हो गए हैं। क्योंकि शरद पवार की पार्टी से बातचीत खत्म होने के बाद, अजित पवार को भी महायुति में अपनी स्थिति को अंतिम रूप देना है।