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पुतिन और ट्रंप के बीच यूक्रेन युद्ध पर महत्वपूर्ण बातचीत

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हाल ही में हुई फोन वार्ता में यूक्रेन के साथ चल रहे संघर्ष पर चर्चा की गई। ट्रंप ने युद्ध को जल्दी समाप्त करने की अपील की, लेकिन पुतिन ने अपने लक्ष्यों पर अडिग रहने की बात कही। इस बातचीत के बाद यह स्पष्ट हुआ कि रूस और यूक्रेन के बीच इस्तांबुल में वार्ता संभव है। जानें इस वार्ता के प्रमुख बिंदु और युद्ध का इतिहास क्या है।
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पुतिन और ट्रंप के बीच यूक्रेन युद्ध पर महत्वपूर्ण बातचीत

पुतिन और ट्रंप के बीच फोन वार्ता

पुतिन-ट्रंप बातचीत पर नजर: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बातचीत की। इस वार्ता में यूक्रेन के साथ चल रहे संघर्ष पर चर्चा हुई, जिसमें पुतिन ने अपने इरादों को स्पष्ट किया। ट्रंप ने पुतिन से युद्ध को जल्द समाप्त करने की अपील की, लेकिन पुतिन ने कहा कि रूस अपने लक्ष्यों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वह संघर्ष विराम पर बातचीत फिर से शुरू करने के लिए तैयार हैं। इस बातचीत के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि रूस और यूक्रेन के बीच इस्तांबुल में वार्ता हो सकती है।


ट्रंप की प्रतिक्रिया

ट्रंप ने क्या कहा?


रूस के राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर बातचीत के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह बातचीत काफी लंबी थी। उन्होंने बताया कि इस दौरान ईरान सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई। यूक्रेन के साथ युद्ध के बारे में भी बात की गई, लेकिन ट्रंप ने रूस के रुख पर असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस बातचीत का कोई ठोस परिणाम नहीं निकला।


यूक्रेन युद्ध का इतिहास

युद्ध कब से चल रहा है?


रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत फरवरी 2014 में हुई थी, जब रूस ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर आक्रमण किया। रूस ने यूक्रेन को नाटो में शामिल होने से रोकने के लिए यह युद्ध छेड़ा है। इस संघर्ष के कारण यूरोप में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद का सबसे बड़ा शरणार्थी संकट उत्पन्न हुआ है, जिसमें लगभग 80 लाख लोग यूक्रेन छोड़ चुके हैं। मार्च 2025 में ट्रंप की मध्यस्थता में दोनों देशों के बीच 30 दिन के युद्धविराम पर सहमति बनी थी, लेकिन शर्तें न मानने के कारण यह सफल नहीं हो सका। इस युद्ध में फरवरी 2022 से अगस्त 2022 तक 5500 से अधिक लोगों की जान गई और 8500 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।