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पुतिन के भोज में कांग्रेस नेताओं की अनुपस्थिति से बढ़ी सियासी हलचल

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में आयोजित भोज में कांग्रेस के प्रमुख नेताओं राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को आमंत्रित न करने से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने इसे प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताते हुए सरकार पर आरोप लगाया, जबकि बीजेपी ने इसे बेवजह का ड्रामा कहा। इस विवाद में शशि थरूर को आमंत्रित किया गया, जिससे कांग्रेस में असंतोष की लहर देखी गई। जानें इस मुद्दे पर और क्या प्रतिक्रियाएं आईं।
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पुतिन के भोज में कांग्रेस नेताओं की अनुपस्थिति से बढ़ी सियासी हलचल

राष्ट्रपति मुर्मू के भोज में विपक्ष की अनुपस्थिति


रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में आयोजित भोज में कांग्रेस के प्रमुख नेताओं की अनुपस्थिति ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को आमंत्रित न करने पर कांग्रेस ने सरकार पर प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने और लोकतांत्रिक परंपराओं की अनदेखी का आरोप लगाया। वहीं, बीजेपी ने इसे बेवजह का 'ड्रामा' करार दिया और कहा कि विदेशी मेहमान खुद तय करते हैं कि वे किन नेताओं से मिलना चाहते हैं। यह मुद्दा शनिवार को राजनीतिक चर्चाओं का केंद्र बना रहा।


भोज में विपक्ष के प्रमुख नेताओं की अनुपस्थिति

राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात आयोजित भोज में पुतिन की उपस्थिति रही, लेकिन विपक्ष के प्रमुख नेता राहुल गांधी और खड़गे को आमंत्रित नहीं किया गया। कांग्रेस ने इसे प्रोटोकॉल का उल्लंघन मानते हुए कहा कि यह लोकतांत्रिक संवेदनाओं के खिलाफ है।


बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज किया

बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि विदेशी नेताओं से मुलाकात उनकी इच्छा पर निर्भर करती है। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी पहले भी कई विदेशी नेताओं से मिल चुके हैं, इसलिए इस मामले में विवाद खड़ा करना 'ड्रामा' है।


शशि थरूर को मिला आमंत्रण, कांग्रेस में असंतोष

राहुल और खड़गे को आमंत्रित न किए जाने के बावजूद शशि थरूर को भोज के लिए आमंत्रण भेजा गया। इससे कांग्रेस में असंतोष की हलचल देखी गई। थरूर ने भोज को 'उष्ण और सार्थक' संवाद का कार्यक्रम बताया और रूसी प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई चर्चाओं का उल्लेख किया।


कांग्रेस नेताओं की कड़ी प्रतिक्रिया

कांग्रेस के जयराम रमेश और पवन खेड़ा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार लगातार प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर रही है। खेड़ा ने व्यंग्य में कहा कि 'जिन्होंने बुलाया, कमाल किया और जिन्होंने स्वीकार किया, वे भी कमाल कर रहे हैं।'


राष्ट्रपति भवन को निष्पक्ष रहना चाहिए

कांग्रेस सांसद सैयद नासिर हुसैन ने कहा कि राष्ट्रपति भवन को किसी भी पक्षपात से ऊपर रहना चाहिए। शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी विपक्ष के नेताओं को न बुलाने को 'छोटापन' बताया, जिससे विवाद और बढ़ गया।