पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की अनुपस्थिति पर राजनीतिक हलचल
नई दिल्ली की सियासत में खामोशी
नई दिल्ली की राजनीति इस समय एक अजीब सी खामोशी और तीखे वार-पलटवार के बीच उलझी हुई है। इसका मुख्य कारण पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ हैं, जिनके बारे में हाल के दिनों में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल रही है। इस मुद्दे पर विपक्ष ने केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने इस मामले को सबसे पहले सोशल मीडिया पर उठाया। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सवाल किया कि जनता को यह जानकारी क्यों नहीं दी जा रही कि धनखड़ इस समय अस्पताल में हैं, योग कर रहे हैं या टेबल टेनिस खेल रहे हैं। सिब्बल ने अपने पोस्ट को ‘लापता धनखड़’ शीर्षक दिया, जिससे बहस और तेज हो गई।
कुछ समय पहले यह चर्चा थी कि धनखड़ अपने परिवार के साथ निजी जीवन का आनंद ले रहे हैं और नियमित रूप से योगाभ्यास और टेबल टेनिस खेल रहे हैं। बताया जाता है कि जब वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे, तब से उन्हें टेबल टेनिस खेलने का शौक था। उपराष्ट्रपति निवास में भी वे अपने करीबी सहयोगियों के साथ खेलते रहे हैं।
धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अचानक इस्तीफा दिया था। उनका कार्यकाल अगस्त 2027 तक चलना था, लेकिन इस कदम ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। उपराष्ट्रपति पद के लिए नया चुनाव 9 सितंबर को होने जा रहा है। सत्ताधारी राजग ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है, जबकि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा है।
धनखड़ की अनुपस्थिति और उनके स्वास्थ्य पर उठते सवाल अब केवल व्यक्तिगत चिंता का विषय नहीं रह गए हैं, बल्कि यह एक राजनीतिक मुद्दा भी बन चुका है। विपक्ष लगातार दबाव बना रहा है कि सरकार जनता को स्पष्ट जानकारी दे, जबकि सत्ता पक्ष इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है। आने वाले दिनों में यह खामोशी क्या कोई बड़ा राजनीतिक संकेत देगी या केवल निजी दायरे तक सीमित रहेगी, यह देखना दिलचस्प होगा।