पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का सरकारी बंगला: सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई

पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का मामला
पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़: हाल ही में रिटायर हुए पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अब तक सरकारी आवास खाली नहीं किया है। इस स्थिति ने विवाद को जन्म दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को पत्र भेजकर उनसे बंगला खाली करने की अपील की है। कोर्ट प्रशासन ने भारत सरकार को कृष्ण मेनन मार्ग पर स्थित बंगला नंबर 5 को तुरंत खाली करने का निर्देश दिया है, जो चीफ जस्टिस का आधिकारिक निवास है।
सुप्रीम कोर्ट प्रशासन की मांग
इस समय पूर्व चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ इस बंगले में निवास कर रहे हैं। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने निर्धारित समय से अधिक समय तक बंगला नहीं छोड़ा है। सुप्रीम कोर्ट प्रशासन चाहता है कि यह बंगला कोर्ट के आवास पूल में वापस आ जाए, ताकि इसे वर्तमान या भविष्य के चीफ जस्टिस को आवंटित किया जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने 1 जुलाई को आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को भेजे पत्र में इस मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की है। इसमें उल्लेख किया गया है कि बंगले को बड़े पैमाने पर मरम्मत की आवश्यकता है और यह व्हीलचेयर के अनुकूल नहीं है। यही कारण है कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने अब तक बंगला खाली नहीं किया है।
बंगला खाली करने में देरी का कारण
चंद्रचूड़ नवंबर 2024 में सेवानिवृत्त हुए थे, लेकिन वे अभी भी उसी बंगले में रह रहे हैं। उनके रिटायरमेंट के बाद किसी ने भी इस बंगले को लेने की इच्छा नहीं जताई है। जस्टिस संजीव खन्ना और वर्तमान चीफ जस्टिस बीआर गवई ने कृष्ण मेनन मार्ग स्थित बंगला लेने से मना कर दिया था। उनका कहना है कि वे मौजूदा बंगले में रहना पसंद करते हैं। इस कारण चंद्रचूड़ पर बंगला खाली करने का कोई दबाव नहीं था।