Newzfatafatlogo

पूर्वोत्तर भारत में भाजपा की राजनीतिक स्थिति: एक विश्लेषण

इस लेख में पूर्वोत्तर भारत में भाजपा की राजनीतिक स्थिति का विश्लेषण किया गया है। जानें कि कैसे भाजपा ने विभिन्न राज्यों में अपनी सरकारें बनाई हैं और सहयोगी पार्टियों के साथ उनकी स्थिति क्या है। मिजोरम, नगालैंड, और मेघालय में भाजपा की भूमिका और चुनौतियों पर भी चर्चा की गई है। क्या भाजपा मणिपुर में अपनी स्थिति को मजबूत कर पाएगी? जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें।
 | 
पूर्वोत्तर भारत में भाजपा की राजनीतिक स्थिति: एक विश्लेषण

भाजपा की स्थिति पूर्वोत्तर के राज्यों में

पूर्वोत्तर भारत के आठ राज्यों में से भाजपा ने तीन राज्यों में अपनी सरकार बनाई है, जबकि तीन अन्य राज्यों में उसकी सहयोगी पार्टियों का शासन है। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है, और मिजोरम में जोराम पीपुल्स फ्रंट (जेडपीएम) की सरकार है, जबकि मिजो नेशनल फ्रंट मुख्य विपक्षी पार्टी है। इसका अर्थ है कि एनडीए मिजोरम में न तो सत्ता में है और न ही विपक्ष में। भाजपा के पास दो विधायक हैं, जबकि कांग्रेस का एक विधायक है।


असम, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा में भाजपा की सरकारें हैं, लेकिन इन राज्यों में भाजपा का कोई मुख्यमंत्री नहीं है। असम में हिमंत बिस्वा सरमा, त्रिपुरा में मानिक साहा और अरुणाचल प्रदेश में पेमा खांडू, सभी कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए हैं। इन नेताओं का भाजपा से जुड़ाव 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद हुआ।


भाजपा की सहयोगी पार्टियों की सरकारें तीन राज्यों में आत्मनिर्भर हैं और उन्हें सरकार बनाने के लिए भाजपा के समर्थन की आवश्यकता नहीं है। सिक्किम में, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा ने विधानसभा की सभी 32 सीटें जीती हैं। पिछले साल, इस पार्टी ने 31 सीटें जीती थीं और एकमात्र विपक्षी विधायक भी उसी पार्टी में शामिल हो गए। भाजपा का वहां कोई विधायक नहीं है, लेकिन सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने सद्भावना के तहत राज्य की एकमात्र राज्यसभा सीट भाजपा को दी है।


नगालैंड में, एनडीपीपी के पास 60 सदस्यीय विधानसभा में 25 विधायक हैं, जबकि बहुमत के लिए 31 की आवश्यकता है। हाल ही में, एनडीपीपी के नेता नेफ्यू रियो ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सभी सात विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया, जिससे एनडीपीपी के विधायकों की संख्या 32 हो गई। अब, भाजपा का समर्थन आवश्यक नहीं है। मेघालय में, कोनरेड संगमा की पार्टी एनपीपी ने विधानसभा की 60 सीटों में से 26 पर जीत हासिल की है। संगमा की सरकार अब भाजपा और अन्य विधायकों के समर्थन पर निर्भर नहीं है।


मणिपुर में, भाजपा ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को हटाकर राष्ट्रपति शासन लागू किया है, लेकिन बीरेन सिंह को नाराज करके भाजपा वहां दूसरी लोकप्रिय सरकार बनाने में सफल नहीं हो पा रही है।