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पेट्रोल-डीजल में मिलावट: मध्य प्रदेश के सीएम के काफिले में पानी मिला

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव के काफिले में पेट्रोल-डीजल में पानी मिलाने की घटना ने हड़कंप मचा दिया। इस लेख में जानें कि कैसे आप फ्यूल में मिलावट की पहचान कर सकते हैं और इसके संभावित नुकसान क्या हो सकते हैं। प्रशासन ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह केवल एक तकनीकी गड़बड़ी नहीं है, बल्कि एक गंभीर लापरवाही है।
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पेट्रोल-डीजल में मिलावट: मध्य प्रदेश के सीएम के काफिले में पानी मिला

पेट्रोल-डीजल में मिलावट का मामला

पेट्रोल-डीजल: आपने दूध में पानी मिलाने की बातें सुनी होंगी, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि लोग पेट्रोल और डीजल में भी पानी मिलाकर बेचते हैं? यह घटना मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के साथ हुई, जिसने सभी को चौंका दिया। आइए जानते हैं इस मामले की पूरी जानकारी। मध्य प्रदेश में उस समय हड़कंप मच गया जब मुख्यमंत्री मोहन यादव के काफिले की गाड़ियां अचानक रुक गईं। इसका कारण था फ्यूल में मिलावट।


सीएम के काफिले में शामिल 19 इनोवा कारों में जिस पेट्रोल पंप से डीजल भरा गया था, उसमें पानी मिला हुआ था। इस घटना ने सभी को चौंका दिया और अब आम जनता के मन में यह सवाल उठ रहा है कि हम कैसे जानें कि पेट्रोल या डीजल शुद्ध है या नहीं?


कैसे करें पेट्रोल-डीजल में मिलावट की पहचान?

1. फिल्टर पेपर से जांच करें


  • पेट्रोल पंप से फिल्टर पेपर मांगें। उस पर पेट्रोल या डीजल की दो बूंदें डालें और कुछ समय के लिए इंतज़ार करें।
  • यदि बूंदें पूरी तरह उड़ जाएं और कोई दाग न छोड़ें, तो फ्यूल शुद्ध है।
  • अगर दाग रह जाए, तो समझें कि फ्यूल मिलावटी है।


2. हाइड्रोमीटर से घनत्व मापें


  • टैंक में फ्यूल भरवाने के बाद उसमें हाइड्रोमीटर डालें।
  • पेट्रोल का घनत्व 720–775 किग्रा/मी³ होना चाहिए।
  • डीजल का घनत्व 820–860 किग्रा/मी³ होना चाहिए।
  • अगर इसमें कोई गड़बड़ी मिले, तो फ्यूल मिलावटी है।


मिलावटी फ्यूल से होने वाले नुकसान

क्या नुकसान हो सकता है?


  • गाड़ी का इंजन अचानक बंद हो सकता है।
  • इंजन की उम्र कम हो जाती है।
  • माइलेज घट जाता है।
  • फ्यूल टैंक में जंग लग सकता है।
  • स्पार्क प्लग और साइलेंसर खराब हो सकते हैं।


प्रशासन की कार्रवाई

प्रशासन ने दिखाई सख्ती


सीएम के काफिले में मिलावटी डीजल मिलने की खबर से अधिकारियों में हड़कंप मच गया। तुरंत ही पेट्रोल पंप को सील कर दिया गया और जांच शुरू कर दी गई। यह मामला अब केवल एक तकनीकी गड़बड़ी नहीं, बल्कि एक बड़ी लापरवाही बन चुका है, जिससे सीख लेना आवश्यक है।


यह घटना डोसीगांव के 'शक्ति फ्यूल्स' पेट्रोल पंप से संबंधित है, जहां से डीजल भरवाने के बाद मुख्यमंत्री की गाड़ियां एक-एक कर रुकने लगीं। जब ड्राइवरों ने टंकी की जांच की, तो पता चला कि डीजल में 10 लीटर तक पानी मिलाया गया था। इसके बाद प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की और पेट्रोल पंप को सीज कर दिया।