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प्रज्ञा ठाकुर का बयान: मालेगांव बम विस्फोट मामले में मिली राहत को भगवा की जीत बताया

मालेगांव बम विस्फोट मामले में एनआईए के फैसले के बाद प्रज्ञा ठाकुर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे भगवा की जीत बताया और कहा कि पिछले 17 वर्षों में उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इस मामले पर विभिन्न राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं, जिसमें कांग्रेस पर आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने झूठ फैलाया। जानें इस मामले की पूरी कहानी और प्रज्ञा ठाकुर के बयान के पीछे की सच्चाई।
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प्रज्ञा ठाकुर का बयान: मालेगांव बम विस्फोट मामले में मिली राहत को भगवा की जीत बताया

प्रज्ञा ठाकुर की प्रतिक्रिया

प्रज्ञा ठाकुर का बयान: मालेगांव बम विस्फोट मामले में एनआईए के निर्णय के बाद प्रज्ञा ठाकुर ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले 17 वर्षों में उनकी जिंदगी बर्बाद हो गई। इस दौरान उन्होंने कई कठिनाइयों का सामना किया। यह भगवा की जीत है, और जो लोग भगवा का अपमान करते हैं, उन्हें भगवान सजा देंगे। प्रज्ञा ने आगे कहा कि उन्हें जांच के लिए बुलाया गया और गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद उन्हें प्रताड़ित किया गया। वह एक साधु का जीवन जी रही थीं, लेकिन उन्हें फंसाया गया और झूठे आरोप लगाए गए।


भगवा की जीत का जश्न

मैं जीवित हूं क्योंकि मैं संन्यासी हूं- प्रज्ञा ठाकुर


पूर्व बीजेपी सांसद ने कहा कि कोई भी उनके साथ नहीं आया। उन्होंने कहा, 'मैं इसलिए जीवित हूं क्योंकि मैं संन्यासी हूं। यह एक साजिश थी जो भगवा को बदनाम करने के लिए की गई थी। आज भगवा की जीत हुई है। जो लोग दोषी हैं, उन्हें ईश्वर सजा देंगे।' इस फैसले पर विभिन्न राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं भी आई हैं। शिवसेना के सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा कि सभी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं और 17 वर्षों तक उन्हें प्रताड़ित किया गया। कांग्रेस ने पूरे देश में भगवा आतंकवाद का माहौल बनाने की कोशिश की थी।


कांग्रेस पर आरोप

श्रीकांत शिंदे ने कांग्रेस पर साधा निशाना


श्रीकांत शिंदे ने कहा कि कांग्रेस ने विशिष्ट वोट बैंक के लिए झूठ फैलाया ताकि उन्हें वोट मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के आरोप पेश न करने के सवाल पर, कांग्रेस को याद रखना चाहिए कि उस समय किसकी सरकार थी। अगर सही तरीके से जांच की गई होती, तो 2006 और 2008 के आरोपियों को भी सजा मिलती। वहीं, अखिलेश यादव ने कहा कि इस मामले को उठाने का उद्देश्य असली मुद्दों से ध्यान भटकाना है।