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प्रज्वल रेवन्ना को बलात्कार मामले में मिली आजीवन कारावास की सजा

पूर्व जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना को बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अदालत ने उन्हें पीड़िता को 7 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया। प्रज्वल ने अदालत में अपने कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें राजनीति में जल्दी आने के कारण फंसाया गया है। इस मामले में कई महिलाओं का यौन शोषण करने के आरोप हैं, और कर्नाटक सरकार ने विशेष जांच दल का गठन किया था। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ लगे आरोपों के बारे में।
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प्रज्वल रेवन्ना को बलात्कार मामले में मिली आजीवन कारावास की सजा

प्रज्वल रेवन्ना बलात्कार मामले का विवरण

प्रज्वल रेवन्ना बलात्कार मामला: पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते और पूर्व जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना को बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही उन्हें पीड़िता को 7 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश भी दिया गया है। कर्नाटक की एमपी-एमएलए कोर्ट ने यह सजा सुनाई। सजा सुनते ही प्रज्वल रेवन्ना की आंखों में आंसू आ गए। वह पिछले 14 महीनों से जेल में हैं और 1 अगस्त को उन्हें दोषी ठहराया गया था। दोषी ठहराए जाने के बाद भी प्रज्वल रेवन्ना अदालत में रो पड़े। उनके वकील ने अदालत में अधिकतम सजा के खिलाफ दलील दी, जबकि विशेष अभियोजक ने 10 साल की कठोर सजा की मांग की थी।


अदालत में प्रज्वल रेवन्ना का बयान

प्रज्वल रेवन्ना ने अदालत में क्या कहा?

अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद, अदालत ने प्रज्वल रेवन्ना से उनकी राय पूछी। इस पर उन्होंने दुखी होकर कहा कि उन्होंने एक सांसद के रूप में बहुत अच्छा कार्य किया है। उन्होंने यह भी बताया कि वह पिछले 6 महीनों से अपने माता-पिता से नहीं मिले हैं। प्रज्वल ने कहा कि वह एक मेधावी छात्र रहे हैं और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें राजनीति में जल्दी आने के कारण फंसाया गया है। उन्होंने मीडिया को दोष देने से भी परहेज किया और इसे पुलिस का काम बताया।


प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ आरोप

प्रज्वल रेवन्ना बलात्कार मामला क्या है?

प्रज्वल रेवन्ना पर कई महिलाओं का यौन शोषण और बलात्कार करने का आरोप है। पीड़िता की साड़ी और वीडियो रिकॉर्डिंग अदालत में सबूत के रूप में पेश की गई। उनके खिलाफ बलात्कार और यौन शोषण के चार अलग-अलग मामले दर्ज हैं। इन मामलों से जुड़े 2000 से अधिक अश्लील वीडियो क्लिप भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए। कर्नाटक सरकार ने मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया था, जिसने 2000 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया। इस आरोप पत्र में 150 गवाहों के बयान और फोरेंसिक साक्ष्य शामिल हैं।


गिरफ्तारी और राजनीतिक प्रभाव

प्रज्वल रेवन्ना को मई 2024 में जर्मनी से लौटते समय बेंगलुरु हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया। कर्नाटक उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, क्योंकि वह एक प्रभावशाली परिवार से हैं और मामले को प्रभावित कर सकते थे। इस मामले ने जेडीएस और भाजपा के गठबंधन को चुनावों में नुकसान पहुँचाया। बलात्कार और यौन शोषण के आरोप लगने के बाद, जेडीएस ने प्रज्वल रेवन्ना को पार्टी से निलंबित कर दिया था।