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प्रधानमंत्री मोदी का 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से ऐतिहासिक संबोधन

79वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देशवासियों को संबोधित किया। उन्होंने एकता की भावना, आत्मनिर्भरता और सुरक्षा बलों की बहादुरी पर जोर दिया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत अब न्यूक्लियर धमकियों से डरने वाला नहीं है और ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर बल दिया। उनका यह संबोधन देशवासियों के लिए प्रेरणादायक था।
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प्रधानमंत्री मोदी का 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से ऐतिहासिक संबोधन

स्वतंत्रता दिवस पर देशभक्ति का जश्न

79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पूरा देश देशभक्ति के रंग में रंगा हुआ है। इस खास दिन पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, और सभी की नजरें दिल्ली के लाल किले पर हैं, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। यह उनका लगातार 12वां स्वतंत्रता दिवस संबोधन है।


लाल किले से पीएम मोदी का संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि एकता की भावना हमारे देश को मजबूत बनाती है। उन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 125वीं जयंती का उल्लेख करते हुए कहा कि डॉ. मुखर्जी पहले महापुरुष थे जिन्होंने भारत के संविधान के लिए बलिदान दिया। उन्होंने धारा 370 को समाप्त करके उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी है।


सुरक्षा बलों की बहादुरी की सराहना

पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के जांबाज़ सैनिकों को सलाम किया। उन्होंने कहा कि हमारे वीर सैनिकों ने दुश्मनों को कड़ी सजा दी है। पहलगाम में आतंकियों द्वारा किए गए कत्लेआम ने पूरे देश को आक्रोशित कर दिया था।


आत्मनिर्भरता की आवश्यकता

प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भरता केवल आर्थिक पहलुओं पर निर्भर नहीं है, बल्कि यह हमारे सामर्थ्य को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में आत्मनिर्भरता की ताकत का प्रदर्शन हुआ है।


ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता

उन्होंने ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि भारत सौर ऊर्जा और न्यूक्लियर ऊर्जा पर बड़े पैमाने पर काम कर रहा है। उन्होंने 2047 तक परमाणु ऊर्जा को दस गुना बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।