प्रधानमंत्री मोदी का ऐतिहासिक दौरा: इथोपिया में वंदे मातरम की प्रस्तुति
इथोपिया का अनोखा कैलेंडर और प्रधानमंत्री का दौरा
दुनिया भर में समय का एक समान चलन है, लेकिन इथोपिया ने अपने पारंपरिक कैलेंडर को बनाए रखा है। यह देश लगभग सात साल पीछे और 13 महीनों का साल रखता है, जो इसकी सांस्कृतिक पहचान है। भारत के प्रधानमंत्री का इथोपिया दौरा 15 वर्षों में पहली बार हुआ, जहां उन्होंने इथोपिया की संसद में भाषण दिया। यह दुनिया की 18वीं संसद है, जहां पीएम मोदी ने अपने विचार साझा किए।
वंदे मातरम की प्रस्तुति से गूंजा हॉल
अदीस अबाबा में एक भव्य डिनर हॉल में इथियोपियाई कलाकारों ने जब वंदे मातरम गाया, तो प्रधानमंत्री मोदी मुस्कुराते हुए तालियों के साथ उनका स्वागत करते हैं। यह केवल एक गीत नहीं था, बल्कि भारत के प्रति सम्मान का एक अद्भुत क्षण था। इथियोपिया सरकार ने पीएम मोदी के सम्मान में एक भव्य भोज का आयोजन किया, जिसकी मेज़बानी इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद ने की। इस कार्यक्रम ने वंदे मातरम की प्रस्तुति के साथ ऐतिहासिक महत्व प्राप्त किया।
इथोपिया का उपनिवेशवाद से आज़ादी का सफर
इथोपिया केवल एक देश नहीं, बल्कि अफ्रीका के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसकी स्थापना 980 बीसी में हुई थी और यह उपनिवेशवाद के दौर में भी स्वतंत्रता बनाए रखने में सफल रहा।
इथोपिया का अनोखा कैलेंडर
इथोपिया का कैलेंडर अद्वितीय है, क्योंकि यह वर्तमान समय से लगभग सात साल पीछे है। जब रोमन चर्च ने 525 ईस्वी में कैलेंडर में बदलाव किया, इथोपिया ने अपने प्राचीन कैलेंडर को बनाए रखा। यहां साल में 13 महीने होते हैं, जिसमें 12 महीने 30 दिनों के होते हैं और 13वां महीना सामान्य वर्ष में 5 दिन और लीप वर्ष में 6 दिन का होता है।
प्रधानमंत्री मोदी का भावुक पल
When Vande Mataram echoes far from home in Eithopia PM Modi's warm and effervescent response marks a powerful moment of National Pride in Eithopia. pic.twitter.com/EqDrFSr05u
— Naina 🇮🇳 (@NaIna0806) December 17, 2025
