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प्रधानमंत्री मोदी का कांग्रेस पर हमला: ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में गरमागरम बहस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान कांग्रेस पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कांग्रेस के आंतरिक मतभेदों और शशि थरूर के विवाद को लेकर टिप्पणी की। थरूर को केंद्र के विदेश दौरों में शामिल नहीं किया गया, जबकि उन्हें सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सौंपा गया। इस स्थिति ने कांग्रेस में असंतोष को जन्म दिया है। जानें इस बहस में और क्या हुआ और कांग्रेस के भीतर की राजनीति के बारे में।
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प्रधानमंत्री मोदी का कांग्रेस पर हमला: ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में गरमागरम बहस

संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस

आज संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चल रही बहस के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया। जहां कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश कर रही थी, वहीं पीएम मोदी ने आत्मविश्वास के साथ कांग्रेस के इतिहास और अंतर्विरोधों पर करारा हमला किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार केवल कार्रवाई नहीं कर रही, बल्कि भारत के सम्मान की रक्षा के लिए भी लड़ाई लड़ रही है।


कांग्रेस के आंतरिक मतभेदों पर पीएम का इशारा

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कांग्रेस के भीतर चल रहे मतभेदों की ओर भी इशारा किया। उन्होंने कहा, "कुछ लोगों को संसद में बोलने से रोका जा रहा है" और "जो खुद को कांग्रेस का बेटा मानते हैं, वे भारत की प्रशंसा से नाराज़ हो जाते हैं।" यह टिप्पणी कांग्रेस नेता शशि थरूर की स्थिति को संदर्भित करती है, जिनके विदेश नीति के विचार हाल ही में पार्टी में विवाद का कारण बने हैं।


शशि थरूर और सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का विवाद

शशि थरूर, जो संयुक्त राष्ट्र में उच्च पद पर रह चुके हैं, को कांग्रेस ने केंद्र के विदेश दौरों में शामिल नहीं किया। इसके विपरीत, केंद्र सरकार ने उन्हें अमेरिका और अन्य देशों के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सौंपा। यह घटनाक्रम भाजपा और कांग्रेस के बीच चल रही बहस को और भी तीखा बना देता है।


कांग्रेस में चल रही अंतर्विरोध

हालांकि कांग्रेस ने थरूर को प्रतिनिधिमंडल में जाने से नहीं रोका, लेकिन पार्टी का समर्थन उनके प्रति ठंडा पड़ता दिखा। उनके सक्रिय समर्थन और सरकार के साथ सहमति ने पार्टी के भीतर नाराज़गी को जन्म दिया। चर्चा से पहले यह अटकलें भी थीं कि क्या थरूर को संसद में बोलने दिया जाएगा, लेकिन अंततः उन्होंने बहस में भाग लेने से मना कर दिया।


मनीष तिवारी का परोक्ष संकेत

पूर्व केंद्रीय मंत्री और चंडीगढ़ से सांसद मनीष तिवारी, जो थरूर के साथ प्रतिनिधिमंडल में थे, ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक कविता साझा करते हुए राष्ट्रभक्ति का इज़हार किया – "है प्रीत जहां की रीत सदा, मैं गीत वहां के गाता हूं…"। जब उनसे पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "अगर आप मेरी चुप्पी को नहीं समझते, तो मेरे शब्दों को भी नहीं समझ पाएंगे।" उनका यह बयान कांग्रेस के भीतर की असहज स्थिति को उजागर करता है।