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प्रधानमंत्री मोदी का बिहार दौरा: विकास और सुरक्षा पर जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में अपने दौरे के दौरान विकास योजनाओं और सुरक्षा के मुद्दों पर जोर दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 4 करोड़ घरों का उल्लेख किया और युवाओं के लिए प्रोत्साहन योजनाओं की बात की। मोदी ने आतंकवाद और घुसपैठ के मुद्दों पर भी चर्चा की, साथ ही भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का संकेत दिया। उनके भाषण में राजनीतिक ध्रुवीकरण और एनडीए की ताकत को भी उजागर किया गया। जानें उनके भाषण की मुख्य बातें और आगामी चुनावों के संदर्भ में उनके संदेश।
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प्रधानमंत्री मोदी का बिहार दौरा: विकास और सुरक्षा पर जोर

प्रधानमंत्री मोदी का बिहार दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हालिया भाषण में प्रधानमंत्री आवास योजना का जिक्र करते हुए बताया कि पिछले 11 वर्षों में 4 करोड़ से अधिक लोगों को घर मिले हैं, जिनमें बिहार में 31 लाख और गया में 2 लाख घर शामिल हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि हर गरीब को पक्का मकान मिलेगा। इसके साथ ही, उन्होंने बिजली, पानी और सुरक्षा को गरीबों का 'स्वाभिमान' बताया। मोदी ने निजी क्षेत्र में काम करने वाले युवाओं के लिए 15,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि जैसी योजनाओं का उल्लेख कर युवाओं को आकर्षित करने का प्रयास किया।


सुरक्षा और राष्ट्रवाद का संदेश

अपने भाषण में, प्रधानमंत्री ने आतंकवाद और पाकिस्तान के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि भारतीय मिसाइल और रक्षा क्षमता इतनी मजबूत है कि दुश्मन देश का कोई ड्रोन या मिसाइल भारत में नहीं गिर पाया। उन्होंने पहलगाम हमले का बदला लेने का संकल्प भी बिहार की धरती से पूरा होने का उदाहरण दिया। यह बयान सुरक्षा और राष्ट्रवाद के भाव को जगाने वाला था।


भ्रष्टाचार पर निशाना

मोदी ने लालू-राज और कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि 'लालटेन राज' में बिहार अंधकार में डूबा हुआ था, माओवादी हावी थे और सड़कों पर अंधेरा छा जाता था। उन्होंने एक नया प्रस्तावित कानून पेश करते हुए कहा कि यदि कोई प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री जेल जाता है, तो 31 दिन के भीतर उसका पद स्वतः समाप्त हो जाएगा। यह भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख दिखाने वाला था और सीधे तौर पर RJD और कांग्रेस पर वार था।


घुसपैठ का मुद्दा और ध्रुवीकरण

मोदी ने घुसपैठियों का मुद्दा उठाकर कहा कि युवाओं के अधिकार पर किसी घुसपैठिये को कब्जा नहीं करने देंगे। यह बयान स्पष्ट रूप से राजनीतिक ध्रुवीकरण को साधने वाला था और एनडीए को 'राष्ट्रवादी' ताकत के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास था।


विकास परियोजनाओं का ब्लूप्रिंट

गंगा पर मोकामा-सिमरिया पुल का उद्घाटन, जो देश का सबसे चौड़ा छह लेन पुल है। इससे उत्तर और दक्षिण बिहार की दूरी 100 किमी कम होगी और व्यापार-पर्यटन में तेजी आएगी। बुद्ध सर्किट से जुड़ी ट्रेन की शुरुआत, जिससे पर्यटन और धार्मिक आस्था को नया आयाम मिलेगा। नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी जैसे सहयोगियों ने भी मंच से केंद्र सरकार के कामों की सराहना की और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मांगने की राजनीति को खारिज करने का प्रयास किया।


कांग्रेस पर पीएम मोदी का हमला

मोदी का पूरा भाषण विकास योजनाओं के साथ-साथ आरजेडी और कांग्रेस पर हमलों से भरा था। उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की कि बिहार का भविष्य केवल एनडीए के हाथों में सुरक्षित है। नीतीश कुमार ने भी मंच से युवा वर्ग को साधने के लिए नौकरी और रोजगार देने की बड़ी घोषणाएं कीं।


एक तीर से दो निशाने

बोधगया से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार चुनाव का सीधा संदेश दे दिया है। एक तरफ उन्होंने 13 हजार करोड़ की योजनाओं की सौगात दी, तो दूसरी तरफ विपक्ष पर जमकर हमला बोला। बोधगया की इस रैली से यह संदेश साफ है कि बिहार का चुनाव विकास बनाम भ्रष्टाचार और राष्ट्रवाद बनाम घुसपैठ की लड़ाई के तौर पर लड़ा जाएगा।