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प्रधानमंत्री मोदी का मणिपुर दौरा: शांति और विकास की दिशा में कदम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर का दौरा किया, जहां उन्होंने विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया और स्थानीय लोगों से बातचीत की। उन्होंने मणिपुर में शांति और विकास की आवश्यकता पर जोर दिया और पाकिस्तान की सेना की प्रतिक्रिया का जिक्र किया। मोदी ने नेपाल के साथ भारत के संबंधों को भी रेखांकित किया। जानें उनके दौरे की मुख्य बातें और मणिपुर के विकास पर उनके विचार।
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प्रधानमंत्री मोदी का मणिपुर दौरा: शांति और विकास की दिशा में कदम

प्रधानमंत्री मोदी का मणिपुर दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर का दौरा किया, जहां उन्होंने खराब मौसम के बावजूद सड़क मार्ग से डेढ़ घंटे का सफर तय किया। इस दौरान उन्होंने लगभग 1200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, साथ ही 3000 करोड़ रुपये के विशेष राहत पैकेज की घोषणा की। मोदी ने स्थानीय लोगों से बातचीत की और उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने एक जनसभा में कहा कि 21वीं सदी नॉर्थ ईस्ट का समय है।


मणिपुर के विकास पर जोर

जनसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मणिपुर के विकास को सरकार ने हमेशा प्राथमिकता दी है। उन्होंने बताया कि 2014 से पहले मणिपुर की विकास दर एक प्रतिशत से भी कम थी, लेकिन अब यह तेजी से बढ़ रही है। बुनियादी ढांचे के विकास में भी तेजी आई है, और गांवों में बिजली पहुंचाने का कार्य भी चल रहा है।


शांति और विकास की आवश्यकता

मोदी ने कहा कि मणिपुर में हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण है और इसे रोकना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमें मणिपुर को शांति और विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाना है। उन्होंने मणिपुर के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को याद करते हुए कहा कि यह भूमि वीरता की प्रतीक है।


पाकिस्तान की सेना की प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री ने मणिपुर के सपूतों की सराहना की, जो देश की रक्षा में जुटे हैं। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय सेना ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है, जिससे पाकिस्तान की सेना घबरा गई।


नेपाल के साथ संबंध

मोदी ने नेपाल की स्थिति पर भी बात की और कहा कि नेपाल भारत का करीबी मित्र है। उन्होंने नेपाल की नई प्रधानमंत्री को बधाई दी और उनके कार्यकाल में शांति और स्थिरता की कामना की।


मणिपुर में शांति की अपील

चुराचांदपुर में जनसभा के दौरान, मोदी ने विभिन्न जातीय समूहों से अपील की कि वे हिंसा छोड़कर शांति की दिशा में काम करें। उन्होंने कहा कि मणिपुर हमेशा से आशा की भूमि रही है, लेकिन वर्तमान में इसे हिंसा का सामना करना पड़ रहा है।