प्रधानमंत्री मोदी का वंदे मातरम पर जोरदार भाषण: कांग्रेस पर निशाना
प्रधानमंत्री का तीखा हमला
नई दिल्ली: लोकसभा में वंदे मातरम पर आयोजित विशेष चर्चा के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रगीत वंदे मातरम के साथ ऐतिहासिक अन्याय हुआ है और कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के सामने झुककर इसे कमजोर किया। पीएम मोदी ने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम के समय वंदे मातरम एक ऐसा मंत्र था जिसने पूरे देश को ऊर्जा दी और बलिदान की भावना को प्रोत्साहित किया।
वंदे मातरम का ऐतिहासिक महत्व
प्रधानमंत्री ने कहा कि 1905 में जब ब्रिटिश सरकार ने बंगाल का विभाजन किया, तब वंदे मातरम ने भारतीयों को एकजुट रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि ब्रिटिश जानते थे कि यदि वे बंगाल को तोड़ देंगे, तो वे पूरे देश को कमजोर कर देंगे। लेकिन बंगाल की बौद्धिक शक्ति और वंदे मातरम की गूंज ने उनके मंसूबों को चुनौती दी और पूरे राष्ट्र को एकजुट किया।
ब्रिटिश शासन के लिए चुनौती
पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिटिश शासन ने वंदे मातरम को इतना चुनौतीपूर्ण माना कि इसे रोकने के लिए कानून बनाए गए। इसे गाने और छापने पर पाबंदी लगाई गई। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम केवल राजनीतिक स्वतंत्रता का मंत्र नहीं था, बल्कि यह भारत माता को औपनिवेशिक बंधनों से मुक्त कराने का एक पवित्र आह्वान था।
150 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री का संदेश
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जब वंदे मातरम ने 100 वर्ष पूरे किए, तब देश आपातकाल की स्थिति में था। उस समय राष्ट्रभक्त जेलों में थे और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक थी। उन्होंने कहा कि 150 वर्ष पूरे होने का अवसर देश के लिए गर्व और आत्मसम्मान को पुनर्जीवित करने का है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज कोई सत्ता या विपक्ष नहीं है, बल्कि यह वंदे मातरम के प्रति ऋण स्वीकार करने का समय है। यह वह गीत है जिसने उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक पूरे देश को जोड़ा। उन्होंने आह्वान किया कि इस प्रेरणा के साथ देश को 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
