प्रधानमंत्री मोदी की क्रोएशिया यात्रा: भारत-यूरोप संबंधों को मजबूत करने की दिशा में कदम

प्रधानमंत्री मोदी का क्रोएशिया दौरा
नई दिल्ली। जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्रोएशिया पहुंचे हैं। यह यात्रा उनके पांच दिन के तीन देशों के दौरे का अंतिम चरण है। बुधवार को जब वे जगरेब पहुंचे, तो उनका भव्य स्वागत किया गया। भारतीय समुदाय के लोगों ने उनके स्वागत में मंत्रों का जाप किया और पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किया। प्रधानमंत्री मोदी क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे, जिसमें दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत बनाने के उपायों पर चर्चा की जाएगी। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है।
यह ध्यान देने योग्य है कि क्रोएशिया यूरोपीय संघ का हिस्सा है, जिससे यह यात्रा भारत की यूरोपीय देशों के साथ संबंधों को बढ़ाने की रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानी जा रही है। द्विपक्षीय वार्ता के बाद, व्यापार, तकनीकी, फार्मास्यूटिकल, आईटी और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की संभावना है। क्रोएशिया की यात्रा कूटनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जा रही है, विशेषकर रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष के संदर्भ में।
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने कनाडा में जी-7 सम्मेलन के दौरान कई देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। उन्होंने इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से मुलाकात की, जिन्होंने कहा कि भारत और इटली के बीच संबंध बहुत पुराने और मजबूत हैं। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ भी मुलाकात की, जिसमें दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों में सुधार पर सहमति बनी। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जर्मनी के चांसलर मर्ज के साथ भी उनकी मुलाकात हुई।