प्रधानमंत्री मोदी ने खुद को अपवाद नहीं माना: किरेन रिजिजू

प्रधानमंत्री का निर्णय
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट में यह स्पष्ट किया कि मंत्रालयों और मुख्यमंत्रियों को हटाने के प्रस्ताव में प्रधानमंत्री को अपवाद बनाने की सिफारिश की गई थी, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार करने से मना कर दिया। मोदी का मानना है कि प्रधानमंत्री भी एक सामान्य नागरिक हैं और उन्हें विशेष सुरक्षा नहीं मिलनी चाहिए।
संविधान संशोधन विधेयक
यह ध्यान देने योग्य है कि संसद में तीन विधेयक पेश किए गए हैं - 130वां संविधान (संशोधन) विधेयक, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक और केंद्र शासित प्रदेश (संशोधन) विधेयक। ये प्रस्तावित करते हैं कि यदि कोई मंत्री, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री 30 दिनों तक जेल में रहते हैं और उन्हें पांच साल या उससे अधिक की सजा मिलती है, तो उन्हें अपने पद से हटा दिया जाएगा।
किरेन रिजिजू का बयान
रिजिजू ने कहा कि अधिकांश मुख्यमंत्री उनकी पार्टी से हैं और यदि वे गलती करते हैं, तो उन्हें अपने पद से हटना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि नैतिकता का महत्व होना चाहिए। उनका मानना है कि यदि नैतिकता को ध्यान में रखा जाता, तो विपक्ष इस विधेयक का स्वागत करता।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्ष ने इन विधेयकों में किए गए संशोधनों को कठोर और संविधान के खिलाफ बताया है। उनका आरोप है कि इन विधेयकों का उपयोग विपक्ष शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को निशाना बनाने के लिए किया जाएगा, और यह कदम केंद्रीय एजेंसियों की सिफारिश पर उठाया जाएगा।
विधेयक पारित करने की प्रक्रिया
अमित शाह द्वारा प्रस्तुत किए गए ये तीन विधेयक विपक्ष के विरोध और नारेबाजी के बीच पेश किए गए। विरोध के दौरान विधेयक का मसौदा फाड़कर केंद्रीय गृहमंत्री पर फेंका गया। इसके बाद विधेयक को ध्वनि मतदान के माध्यम से पेश किया गया और संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजा गया।