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प्रधानमंत्री मोदी ने चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे पुल का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे पुल का उद्घाटन किया, जो जम्मू-कश्मीर के लिए एक महत्वपूर्ण विकास है। यह पुल न केवल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा, बल्कि भारतीय सेना के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा। जानें इस पुल की लागत, निर्माण तकनीक, और इसकी विशेषताएँ, जो इसे एक ऐतिहासिक परियोजना बनाती हैं।
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प्रधानमंत्री मोदी ने चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे पुल का उद्घाटन किया

चिनाब नदी पुल का उद्घाटन

चिनाब नदी पुल: आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिनाब नदी पर बने पुल का उद्घाटन किया, जो जम्मू-कश्मीर के निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण उपहार है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पीएम मोदी का यह दौरा विकास और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। यह कश्मीर और भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, जो एक नए युग की शुरुआत करेगा। यह पुल सामान्य पुल नहीं है, बल्कि यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है, जिसकी ऊंचाई एफिल टॉवर से 35 मीटर अधिक है।


प्रधानमंत्री मोदी आज सुबह 11:30 बजे देश के पहले केबल स्टे-अंजी ब्रिज का उद्घाटन करेंगे और कटरा से श्रीनगर तक की ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाएंगे। यह पुल इंजीनियरिंग का एक अद्भुत उदाहरण है। आइए जानते हैं इस पुल से जुड़ी 10 महत्वपूर्ण बातें।


1. 1500 करोड़ की लागत

चिनाब पुल के निर्माण में लगभग 1500 करोड़ रुपये की लागत आई है। इस परियोजना में आधुनिक और विदेशी मशीनों का उपयोग किया गया है। पुल के निर्माण में कैंटिलीवर और इंक्रीमेंटल तकनीकों का सहारा लिया गया है।


2. उच्च गुणवत्ता वाला स्टील

इस पुल के निर्माण में उच्च गुणवत्ता वाले स्टील का उपयोग किया गया है। पुल में 30,000 मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है, जिससे यह ऊंचाई पर स्थिरता बनाए रखता है। इसे कोरोशियन रेजिस्टेंट और तापमान सहिष्णुता के लिए डिज़ाइन किया गया है।


3. 117 वर्षों तक टिकाऊ

इस पुल को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि यह लगभग 120 वर्षों तक चलेगा। इसे भारतीय रेलवे का सबसे टिकाऊ निर्माण माना जाता है, जो 8 रिक्टर भूकंप और 260 किलोमीटर प्रति घंटे की हवा में सुरक्षित रहने के लिए तैयार किया गया है।


4. कटरा से श्रीनगर का सफर मात्र 3 घंटे

चिनाब पुल से चलने वाली ट्रेन कटरा और श्रीनगर के बीच का सफर केवल 3 घंटों में पूरा करेगी। 7 जून से शुरू होने वाली वंदे भारत ट्रेन की टिकट की कीमत 700 रुपये होगी। यह ट्रेन खूबसूरत वादियों के बीच से गुजरेगी।


5. सेना के लिए महत्वपूर्ण

यह पुल भारतीय सेना के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सीमावर्ती क्षेत्रों में तेजी से पहुंचने का एक सुरक्षित साधन प्रदान करेगा। किसी भी मौसम में और आपातकालीन स्थितियों में इस ट्रेन की मदद से पहुंच आसान हो जाएगी। आवश्यक सामग्री जैसे हथियार, गोला-बारूद, राशन और चिकित्सा आपूर्ति अब रेल द्वारा सीमावर्ती इलाकों में सस्ती दरों पर उपलब्ध होंगी।


6. दुनिया का सबसे ऊंचा पुल

चिनाब पुल को दुनिया का सबसे ऊंचा पुल माना जाता है, जिसकी लंबाई 1.3 किलोमीटर और ऊंचाई 359 मीटर है। यह एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचा है।


7. चिनाब नदी का ऐतिहासिक महत्व

चिनाब नदी पर बने पुल का पहला ट्रायल रन 2024 में सफलतापूर्वक किया गया था। इस पुल की नींव 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा रखी गई थी, और इसके निर्माण में लगभग 22 वर्ष लगे हैं।


8. निर्माण कार्य में रुकावट

चिनाब पुल भारतीय रेलवे का सबसे चुनौतीपूर्ण प्रोजेक्ट माना जाता है। इसे बनाने में 22 साल का समय लगा है। सुरक्षा कारणों से 2008 में निर्माण कार्य को अस्थायी रूप से रोक दिया गया था।


9. 2010 में फिर से शुरू हुआ निर्माण

ब्रिज का काम सुरक्षा कारणों से रोका गया था, लेकिन 2010 में इस प्रोजेक्ट को फिर से शुरू किया गया।


10. ISRO और DRDO की भूमिका

चिनाब पुल के निर्माण में ISRO और DRDO ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पुल की स्थिरता और सैटेलाइट मैपिंग का कार्य ISRO ने किया, जबकि ब्लास्ट रेजिस्टेंस की जांच DRDO ने की। कोरोना काल में भी निर्माण कार्य जारी रहा।