प्रवीन तेवतिया का भावुक बयान: भाषा से नहीं, भावना से जोड़ें देश को

राजनीतिक बहस के बीच प्रवीन तेवतिया का बयान
महाराष्ट्र में भाषा और क्षेत्रीय पहचान को लेकर राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं। इसी संदर्भ में, 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों में बहादुरी दिखाने वाले पूर्व मरीन कमांडो प्रवीन कुमार तेवतिया ने एक भावुक और तीखा बयान दिया है। यह बयान खासकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे के हालिया बयानों पर आधारित है।
तेवतिया, जो उत्तर प्रदेश से हैं, ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में सवाल उठाया, "जब मुंबई पर हमला हुआ था, तब राज ठाकरे के योद्धा कहां थे?" उन्होंने अपनी एक पुरानी तस्वीर साझा की, जिसमें वह यूनिफॉर्म में हैं, गले में बंदूक लटकी हुई है और बुलेटप्रूफ जैकेट पर 'UP' लिखा है। उन्होंने लिखा, "मैंने 26/11 हमले में मुंबई को बचाया। मैं यूपी से हूं लेकिन महाराष्ट्र के लिए खून बहाया। देश को मत बांटिए। मुस्कराहट की कोई भाषा नहीं होती।"
तेवतिया की यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गई है, और हजारों लोगों ने उनके साहस की सराहना की है।
I saved Mumbai on 26/11.
— Adv Praveen Kumar Teotia (@MarcosPraveen) July 5, 2025
I bleed for Maharashtra.
I'm from UP.
I saved the Taj Hotel.
Where were Raj Thakre's so Called Warriors?
Don't divide the Nation.
Smiles don't require any Language. https://t.co/z8MBcdcTAW pic.twitter.com/uZAhM4e6Zq
150 लोगों की जान बचाने का साहस
150 लोगों की बचाई जान
प्रवीन तेवतिया ने 2008 के 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के दौरान ताज होटल में फंसे लोगों को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाली थी। उन्हें ऑपरेशन के दौरान चार गोलियां लगी थीं और कई गंभीर चोटें आई थीं, फिर भी उन्होंने पीछे हटने से इनकार कर दिया। उनके साहस और तत्परता से लगभग 150 लोगों की जान बचाई जा सकी।
देश को भावना से जोड़ने का संदेश
"देश को भाषा से नहीं, भावना से जोड़ो"
तेवतिया का कहना है कि जब देश पर हमला होता है, तब लड़ाई केवल एक राज्य या भाषा के लिए नहीं होती, बल्कि पूरे भारत के लिए होती है। उनका यह संदेश उन सभी को झकझोरता है जो क्षेत्रीय पहचान को भाषा के आधार पर परिभाषित करने की कोशिश करते हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा, "देश को मत बांटिए, भाषा से नहीं, भावना से देश बनता है।"