प्रशांत किशोर की पार्टी की चुनावी स्थिति में गिरावट

चुनावों की नजदीकी और पार्टी की स्थिति
जैसे-जैसे चुनाव का समय नजदीक आ रहा है, जन सुराज पार्टी की राजनीतिक स्थिति कमजोर होती जा रही है। पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर इस स्थिति को भली-भांति समझ रहे हैं, जिसके चलते उन्होंने पार्टी से थोड़ी दूरी बनानी शुरू कर दी है। उनका कहना है कि उनकी पार्टी को या तो 10 सीटें मिलेंगी या फिर डेढ़ सौ, लेकिन बीच में कुछ नहीं होगा। पार्टी के सदस्य मानते हैं कि यदि 10 सीटें भी आती हैं, तो वह पार्टी के लिए नहीं, बल्कि व्यक्तिगत उम्मीदवारों के लिए होंगी। इस कारण प्रशांत किशोर ने टिकट वितरण और प्रचार में खुद को अलग रखा है। टिकट देने का कार्य उदय सिंह और मनोज भारती को सौंपा गया है। कई क्षेत्रों में टिकट वितरण में देरी का कारण यह भी है कि पार्टी कुछ बाहरी उम्मीदवारों का इंतजार कर रही है।
राघोपुर सीट पर प्रशांत किशोर का निर्णय
इस बीच, प्रशांत किशोर के राघोपुर सीट पर न लड़ने के निर्णय पर चर्चा हो रही है। उन्होंने पहले कहा था कि यदि वे चुनाव लड़ते हैं, तो यह तेजस्वी यादव के लिए राघोपुर की तरह होगा, जैसा कि राहुल गांधी के लिए अमेठी में हुआ था। इसके बाद जब वे राघोपुर गए, तो उन्होंने काफी धूमधाम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, लेकिन फिर अचानक यह घोषणा की कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने चंचल सिंह को राघोपुर से टिकट दिया। इस समय उम्मीद की जा रही थी कि तेजस्वी यादव के खिलाफ उम्मीदवार उतारने के लिए प्रशांत किशोर धूमधाम से उनका नामांकन कराएंगे। लेकिन जब चंचल सिंह नामांकन करने गए, तो उनके साथ कोई नहीं था। न तो प्रशांत किशोर गए और न ही पार्टी के अन्य नेता उनके साथ थे। चंचल सिंह ने अकेले ही अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।