प्रशांत किशोर ने बिहार की राजनीति में अपनी स्थिति स्पष्ट की
प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशांत किशोर का बयान
प्रशांत किशोर ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इस समय, कई हार चुकी पार्टियां अपने जख्मों को सहला रही हैं, लेकिन जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर अपनी पूरी टीम के साथ मीडिया के समक्ष आए और सभी सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कुछ मुद्दों पर माफी मांगी और बिहार की राजनीति में बने रहने का संकल्प लिया। सबसे अधिक पूछे गए सवालों में से एक था कि उन्होंने कहा था कि यदि नीतीश कुमार को 25 से अधिक सीटें मिलती हैं, तो वे राजनीति छोड़ देंगे, और यदि जन सुराज पार्टी को साधारण बहुमत जितनी सीटें मिलती हैं, तो वे इसे अपनी हार मानेंगे। बार-बार उनसे पूछा गया कि क्या वे अब राजनीति छोड़ने का विचार कर रहे हैं। यह एक दिलचस्प सवाल था, क्योंकि चुनाव में किसी नेता द्वारा कही गई बात पर मीडिया ने राजनीति छोड़ने की बात पहले कभी नहीं पूछी।
नीतीश कुमार की राजनीति पर सवाल
क्या बिहार के लोगों को यह याद नहीं है कि नीतीश कुमार ने जब भाजपा को छोड़कर राजद के साथ गठबंधन किया था, तब उन्होंने क्या कहा था? उन्होंने कहा था कि वे मिट्टी में मिल जाएंगे, लेकिन भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। लेकिन बाद में, वे फिर से भाजपा के साथ चले गए और किसी ने उनसे इस पर सवाल नहीं किया। इसी तरह, जब उन्होंने भाजपा का साथ छोड़ा, तो अमित शाह ने कहा था कि नीतीश के लिए भाजपा में अब कोई दरवाजे नहीं हैं। फिर भी, भाजपा ने नीतीश का स्वागत लाल कालीन बिछाकर किया। प्रशांत किशोर की पार्टी भले ही चुनाव हार गई हो, लेकिन उन्होंने बिहार की समस्याओं को उठाने में जो मेहनत की है, उसकी सराहना की जानी चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने एक नई पीढ़ी को राजनीतिक प्रशिक्षण देने का भी काम किया है, जो अगले चार दशकों तक बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
