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प्रियंका गांधी का 12 दिन का वायनाड दौरा: कांग्रेस की चुनावी रणनीति

प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने निर्वाचन क्षेत्र वायनाड में 12 दिनों का दौरा शुरू किया है, जो कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण चुनावी रणनीति का हिस्सा है। इस दौरान सोनिया और राहुल गांधी भी उनके साथ हैं। हालांकि, जिला कांग्रेस कमेटी को इस यात्रा से बाहर रखा गया है, जिससे एक समानांतर प्रणाली विकसित हुई है। अगले साल होने वाले चुनावों के मद्देनजर, प्रियंका इस दौरे को कांग्रेस की स्थिति मजबूत करने के लिए एक अवसर मानती हैं।
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प्रियंका गांधी का 12 दिन का वायनाड दौरा: कांग्रेस की चुनावी रणनीति

प्रियंका गांधी का विशेष दौरा

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा इन दिनों अपने निर्वाचन क्षेत्र वायनाड में हैं, और यह यात्रा सामान्य नहीं है। प्रियंका ने 12 दिनों के लिए यह दौरा निर्धारित किया है। आमतौर पर, बड़े नेता, विशेषकर नेहरू-गांधी परिवार से संबंधित, अपने निर्वाचन क्षेत्र में अधिक समय नहीं बिताते हैं। पिछले एक साल में राहुल गांधी ने रायबरेली का दौरा केवल छह बार किया है, और वह भी एक दिन के लिए। केवल एक या दो बार ही वे दो दिनों के लिए वहां रुके। लेकिन प्रियंका ने 12 दिनों का समय निकाला है, जिसमें से वे पहले से ही आठ दिन वायनाड में बिता चुकी हैं और 24 सितंबर तक वहां रहने वाली हैं।


इस दौरे की एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि सोनिया और राहुल गांधी भी प्रियंका के साथ उनके क्षेत्र में आए हैं। 19 सितंबर को सोनिया गांधी ने प्रियंका के साथ कुछ स्थानीय लोगों से मुलाकात की। हालांकि, जिला कांग्रेस कमेटी इस यात्रा से पूरी तरह से बाहर रखी गई है। जिला कमेटी कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं कर रही है, और प्रियंका की मुलाकातें उनकी अपनी टीम द्वारा तय की जा रही हैं। यह कहा जा रहा है कि वायनाड की जिला कमेटी में आपसी विवादों के कारण प्रियंका ने एक समानांतर प्रणाली विकसित की है। यह स्थिति लगभग सभी जिलों में देखी जा रही है। अगले साल राज्य में चुनाव होने हैं, और यह चुनाव कांग्रेस के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह पिछले 10 वर्षों से सत्ता से बाहर है। प्रियंका इस चुनाव के लिए भी तैयारी कर रही हैं।