प्रियंका गांधी का G Ram G बिल के खिलाफ जोरदार विरोध
नई दिल्ली में सियासी हलचल
नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा के स्थान पर पेश किए गए G Ram G बिल ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की तस्वीर लेकर इस विधेयक का विरोध किया।
कानून का विरोध और लोकतांत्रिक परंपराएं
प्रियंका गांधी का कहना है कि यह नया कानून ग्रामीण गरीबों के रोजगार के अधिकार को कमजोर करता है और इसे बिना किसी व्यापक चर्चा के लाना लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।
मनरेगा का महत्व
लोकसभा में प्रियंका गांधी ने नियम 72(1) के तहत G Ram G बिल का विरोध किया। उन्होंने कहा कि मनरेगा ने पिछले 20 वर्षों में ग्रामीण भारत को रोजगार और आर्थिक स्थिरता प्रदान की है। यह कानून गरीबों को साल में 100 दिन का सुनिश्चित रोजगार देता है, और इसकी सफलता पर कभी सवाल नहीं उठे हैं।
फंडिंग और ग्रामसभा की भूमिका
प्रियंका गांधी ने बताया कि मनरेगा की सबसे बड़ी ताकत इसकी मांग आधारित प्रणाली है, जिसमें गांवों की जरूरतों के अनुसार काम तय होता है। नए बिल में फंडिंग पहले से निर्धारित होगी, जिससे स्थानीय आवश्यकताओं की अनदेखी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामसभाओं की शक्तियों को कम किया जा रहा है।
राज्यों पर आर्थिक दबाव
कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार पर राज्यों के साथ अन्याय का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र का योगदान कई राज्यों के लिए घटाकर 60 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे पहले से जीएसटी बकाया झेल रहे राज्यों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी।
नाम बदलने की राजनीति
प्रियंका गांधी ने योजनाओं के नाम बदलने की प्रवृत्ति पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि हर बार नाम बदलने में सरकारी धन खर्च होता है। जब सत्ता पक्ष की ओर से 'परिवार' की टिप्पणी आई, तो उन्होंने उत्तर दिया, 'महात्मा गांधी मेरे परिवार से नहीं, बल्कि पूरे देश के परिवार हैं।'
सरकार और विपक्ष की टकराहट
सरकार का कहना है कि G Ram G बिल 'विकसित भारत 2047' के लक्ष्य से संबंधित है। वहीं, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने महात्मा गांधी का नाम हटाने को अनैतिक बताया। भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस को भगवान राम के नाम से आपत्ति है।
