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प्रियंका गांधी की रैली: कांग्रेस की चुनावी रणनीति का आगाज

कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनावी कार्यक्रमों की शुरुआत करते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा की रैली का आयोजन किया है। यह रैली 26 सितंबर को पूर्वी चंपारण में होगी, जहां प्रियंका को यह तय करना है कि वे किसके लिए वोट मांगेंगी। क्या यह रैली केवल कांग्रेस के लिए है या महागठबंधन के लिए? जानें इस रैली की रणनीति और इसके पीछे की राजनीति के बारे में।
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प्रियंका गांधी की रैली: कांग्रेस की चुनावी रणनीति का आगाज

कांग्रेस पार्टी की चुनावी गतिविधियाँ शुरू

कांग्रेस पार्टी ने अपने राजनीतिक और चुनावी कार्यक्रमों की शुरुआत कर दी है, जबकि गठबंधन में सभी पहलुओं पर सहमति बननी बाकी है। प्रियंका गांधी वाड्रा की रैली 26 सितंबर को पूर्वी चंपारण में आयोजित की जाएगी, जो कि उनकी पहली रैली होगी। इस रैली की तैयारी पूर्व केंद्रीय मंत्री और वहां के पूर्व लोकसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह कर रहे हैं। प्रियंका के करीबी सहयोगी, पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव भी इस आयोजन में सक्रिय रूप से शामिल हैं।


हालांकि, राजद और कांग्रेस के बीच अभी तक तालमेल और सीटों का बंटवारा तय नहीं हुआ है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि प्रियंका गांधी वाड्रा मोतिहारी के गांधी मैदान में किसके लिए वोट मांगेंगी? क्या वे केवल कांग्रेस के लिए वोट की अपील करेंगी या महागठबंधन के लिए? क्या उनका भाषण तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की दिशा में होगा, या वे नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनने से रोकने पर ध्यान केंद्रित करेंगी? यदि कांग्रेस को राजद के अनुसार सीटें मिल भी जाएं, तो पूर्वी चंपारण में केवल दो सीटें ही कांग्रेस के हिस्से में आएंगी। क्या प्रियंका की रैली इन दो सीटों के लिए है, या सभी 12 सीटों के लिए? इस स्थिति ने राजद के कार्यकर्ताओं के लिए भी चुनौती खड़ी कर दी है, जो चुपचाप कांग्रेस की तैयारियों को देख रहे हैं।