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फरीदाबाद में जलभराव की समस्या के समाधान के लिए दो नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट

फरीदाबाद में जलभराव और गंदे पानी की समस्या के स्थायी समाधान के लिए दो नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए जाएंगे। मिर्जापुर और बादशाहपुर में बनने वाले ये प्लांट न केवल सीवेज प्रबंधन में सुधार करेंगे, बल्कि यमुना नदी को भी साफ रखने में मदद करेंगे। इन परियोजनाओं पर लगभग 150 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिससे शहर के लाखों निवासियों को राहत मिलेगी। जानें इन प्लांटों के निर्माण से क्या बदलाव आएंगे और कैसे ये जलभराव की समस्या को हल करेंगे।
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फरीदाबाद में जलभराव की समस्या के समाधान के लिए दो नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट

फरीदाबाद में जलभराव और गंदे पानी की समस्या का समाधान

फरीदाबाद में जलभराव और गंदे पानी की समस्या के स्थायी समाधान के लिए दो नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित किए जाएंगे। ये प्लांट मिर्जापुर और बादशाहपुर में बनाए जाएंगे, जो न केवल सीवेज प्रबंधन में सुधार करेंगे, बल्कि यमुना नदी को भी साफ रखने में मदद करेंगे।


इन परियोजनाओं पर लगभग 150 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिससे शहर के लगभग पांच लाख निवासियों को राहत मिलेगी। फरीदाबाद में कई वर्षों से सीवर ओवरफ्लो की समस्या बनी हुई है, जिसके कारण गंदा पानी मुख्य सड़कों और गलियों में भर जाता है।


फरीदाबाद में सबसे गंभीर समस्या वाले क्षेत्र


ओल्ड फरीदाबाद, एनआईटी के संजय कॉलोनी, जवाहर कॉलोनी, पर्वतीया कॉलोनी, डबुआ नंगला, राजी कॉलोनी और भगत सिंह क्षेत्र में स्थिति सबसे खराब है। ग्रेटर फरीदाबाद में भी सीवर ओवरफ्लो की समस्या देखने को मिलती है।


सीवर प्रबंधन की कमी के कारण, बिल्डर्स द्वारा हाइराइज सोसाइटियों में टैंकरों से गंदा पानी खुले मैदानों में छोड़ा जा रहा है, जिससे भूजल प्रदूषित हो रहा है। वर्तमान में प्रतापगढ़, मिर्जापुर और बादशाहपुर में तीन एसटीपी कार्यरत हैं, जिनका संचालन नगर निगम और एचएसपीवी कर रहे हैं। एफएमडीए ने अब दो नए एसटीपी बनाने की योजना बनाई है।


मिर्जापुर में 20 और बादशाहपुर में 45 एमएलडी का एसटीपी बनेगा


मिर्जापुर में प्रस्तावित एसटीपी की क्षमता 20 एमएलडी होगी, जिसे भविष्य में 45 एमएलडी तक बढ़ाया जा सकेगा। यह प्लांट ग्रेटर फरीदाबाद के 10 सेक्टरों और 20 गांवों की सीवेज व्यवस्था को सुधारने में मदद करेगा। इन क्षेत्रों में जलभराव, सीवर ओवरफ्लो और सड़कों पर गंदे पानी की निकासी की समस्याएं वर्षों से बनी हुई हैं। नए एसटीपी के निर्माण से इन समस्याओं का स्थायी समाधान होगा।


बरसात के मौसम में जलभराव की स्थिति में सुधार होगा और निवासियों को एक साफ और स्वस्थ वातावरण प्राप्त होगा। बादशाहपुर में बनने वाला दूसरा एसटीपी 45 एमएलडी का होगा, जिसे भविष्य में 60 एमएलडी तक बढ़ाया जाएगा। यह प्लांट भी शहर के एक बड़े हिस्से की सीवेज जरूरतों को पूरा करेगा।


इन दोनों परियोजनाओं का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि फरीदाबाद से होकर बहने वाला गंदा पानी सीधे यमुना नदी में नहीं जाएगा। एसटीपी के माध्यम से पहले इस पानी का शोधन किया जाएगा, जिससे यमुना में केवल साफ पानी ही प्रवाहित होगा। इससे यमुना के जल की गुणवत्ता में सुधार होगा।


सीपीसीबी के मानकों के अनुसार डिजाइन किया जाएगा एसटीपी


मिर्जापुर क्षेत्र में पहले से मौजूद स्थल पर एसटीपी का निर्माण किया जाएगा। इस प्लांट के माध्यम से 45 एमएलडी अधिकतम प्रवाह के लिए 21 मुख्य पंपिंग स्टेशन, रिसीविंग चेंबर, फाइन स्क्रीन, ग्रिट चैंबर और अन्य आवश्यक निर्माण किए जाएंगे। पूरे सिस्टम को सीपीसीबी के मानकों के अनुसार डिजाइन किया जाएगा। मिर्जापुर एसटीपी में आधुनिक तकनीक एसबीआर (सीक्वेंशियल बैच रिएक्टर) का उपयोग किया जाएगा, जिससे सीवेज को तीन चरणों में शोधित किया जाएगा।


इसके अलावा, कीचड़ प्रबंधन, क्लोरीनेशन, पंपिंग स्टेशन, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल उपकरणों की स्थापना और संचालन के लिए एससीएडीए सिस्टम भी लगाया जाएगा। एफएमडीए के मुख्य अभियंता विशाल बंसल के अनुसार, सरकार ने दोनों योजनाओं को मंजूरी दे दी है। प्लांट निर्माण के लिए भूमि पहले ही चिह्नित की जा चुकी है। तकनीकी परीक्षणों का कार्य अंतिम चरण में है, जिसके बाद निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।