फारूक अब्दुल्ला का भारत में नफरत और डर के माहौल पर बयान

फारूक अब्दुल्ला की चिंताएं
फारूक अब्दुल्ला ने भारत के वर्तमान स्थिति पर अपनी नाराज़गी व्यक्त करते हुए कहा कि देश में नफरत और भय का माहौल उत्पन्न किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह उनका भारत नहीं है और वे एक ऐसा भारत चाहते हैं जहाँ सभी धर्मों, भाषाओं और क्षेत्रों के लोग प्रेमपूर्वक रह सकें। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह लोगों को झुकाने का प्रयास कर रही है, जो कि जनता के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। फारूक ने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा अवैध रूप से छीना गया है और इसे जल्द से जल्द बहाल किया जाना चाहिए।
भारतीय मुसलमान के रूप में गर्व
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वे एक मुसलमान हैं और हमेशा रहेंगे, लेकिन वे खुद को गर्वित भारतीय मुसलमान मानते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा तभी जीवित रह सकती है जब हर नागरिक को समान अधिकार, सम्मान और स्वतंत्रता मिले। उन्होंने यह सवाल उठाया कि क्या यही वह भारत है जिसकी कल्पना हमने स्वतंत्रता के समय की थी?
'न झुकेंगे, न भीख मांगेंगे'
'न झुकेंगे, न भीख मांगेंगे'
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार चाहती है कि लोग उनके सामने सिर झुकाएं, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि वे झुकने वाले नहीं हैं और न ही किसी से भीख मांगेंगे। यह उनका अधिकार है, और वे संविधान के तहत खड़े रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भारत किसी एक विचारधारा से नहीं, बल्कि सभी धर्मों और संस्कृतियों की साझा विरासत से बना है।
राज्य का दर्जा छीना गया
'राज्य का दर्जा छीना गया, यह अवैध है'
फारूक ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर से उसका राज्य का दर्जा छीनना एक असंवैधानिक कदम था। उन्होंने कहा कि केंद्र को जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर को उसका राज्य का दर्जा वापस करना चाहिए और वहां की जनता को वही अधिकार मिलने चाहिए जो भारत के अन्य नागरिकों को प्राप्त हैं।