फिलीपींस ने भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने की योजना बनाई, चीन की चिंताएं बढ़ीं

चीन की बढ़ती चिंताएं
नई दिल्ली। चीन की स्थिति और भी कठिन होती जा रही है। फिलीपींस, जो चीन का प्रतिकूल है, लगातार भारत से ब्रह्मोस मिसाइलें खरीद रहा है। सशस्त्र बलों के प्रमुख जनरल रोमियो ब्राउनर जूनियर ने इस बात की पुष्टि की है कि फिलीपींस भविष्य में भी भारत से और मिसाइलें खरीदेगा। इस खरीदारी ने चीन को चिंतित कर दिया है।
हाल ही में, भारत ने पाकिस्तान पर ब्रह्मोस मिसाइल से हमला किया था, जिसमें पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम असफल रहा। यह सिस्टम चीन से प्राप्त किया गया था। अब ब्रह्मोस मिसाइल ने चीन की नींद उड़ा दी है। फिलीपींस ने पहले ही अप्रैल 2024 में इस मिसाइल सिस्टम की पहली खेप प्राप्त कर ली है। हर बैटरी में तीन से छह लॉन्चर, ट्रैकिंग और लॉजिस्टिक्स वाहन शामिल होते हैं।
ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय हथियारों की सफलता ने फिलीपींस को उत्साहित कर दिया है। भारत ने पाकिस्तान के चीनी एयर डिफेंस सिस्टम को आसानी से नष्ट कर दिया था और ब्रह्मोस ने बिना किसी प्रतिरोध के पाकिस्तानी एयरबेस पर सटीक हमले किए। चीनी एयर डिफेंस सिस्टम पाकिस्तान को भारतीय ब्रह्मोस मिसाइलों से बचाने में असफल रहा। इसके बाद, जनरल ब्राउनर ने कहा कि फिलीपींस को भारत से और अधिक सैन्य उपकरण मिलेंगे। उन्होंने बताया कि भारत के हथियार किफायती और उच्च गुणवत्ता वाले होते हैं, इसलिए फिलीपींस भारत के साथ अपने रक्षा संबंधों को और मजबूत करना चाहता है।
फिलीपींस की हथियार खरीदने की योजना
हालांकि फिलीपींस ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह भारत से कौन से हथियार खरीदने की योजना बना रहा है, लेकिन ब्राउनर ने बताया कि पहले से ऑर्डर किए गए ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल सिस्टम की दो और बैटरियां अगले कुछ वर्षों में प्राप्त होंगी। जनवरी 2022 में, फिलीपींस के पूर्व रक्षा सचिव डेल्फिन लोरेंजाना और ब्रह्मोस एयरोस्पेस के महानिदेशक अतुल दिनकर राणे ने तीन ब्रह्मोस क्रूज सिस्टम के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। इस दौरान, ब्राउनर ने कहा कि फिलीपींस की नौसेना अगले हफ्ते पश्चिमी फिलीपींस सागर में भारतीय नौसेना के जहाजों के साथ द्विपक्षीय समुद्री सहयोग गतिविधि आयोजित करेगी। यह गतिविधि राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर मार्कोस जूनियर की भारत यात्रा के दौरान होगी। उन्होंने कहा कि अगले हफ्ते हम भारत के साथ द्विपक्षीय समुद्री सहयोग गतिविधि करेंगे। इस अभ्यास में भारतीय नौसेना के तीन युद्धपोत, INS Mysore (डेस्ट्रॉयर), INS Kiltan (एंटी-सबमरीन कार्वेट) और INS Shakti (नेवल टैंकर) शामिल होंगे। ये पोत फिलीपींस की मेज़बानी में बंदरगाह का दौरा कर रहे हैं।
अमेरिका को संभावित झटका
यह ध्यान देने योग्य है कि अमेरिका फिलीपींस का सबसे पुराना हथियार सप्लायर रहा है। लेकिन यदि फिलीपींस ब्रह्मोस के बाद भारत से अन्य सैन्य उपकरण जैसे मिसाइल सिस्टम, रडार, ड्रोन और एयर डिफेंस खरीदता है, तो अमेरिका की बाजार हिस्सेदारी में कमी आएगी। इसके अलावा, भारत फिलीपींस को तेजस एयरक्राफ्ट या प्रचंड हेलीकॉप्टर भी पेश कर सकता है। फिलीपींस के सैन्य अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि भारत सस्ते दाम पर उच्च गुणवत्ता के हथियार प्रदान कर रहा है, जबकि अमेरिकी हथियार महंगे होते हैं और उनके रखरखाव पर भी अधिक खर्च आता है। इसके अलावा, अमेरिकी हथियारों के साथ अक्सर कई शर्तें जुड़ी होती हैं, जैसे तकनीकी उपयोग और जियो-पॉलिटिक्स को ध्यान में रखते हुए। इसलिए कई देश अब अमेरिकी हथियारों से दूर हो रहे हैं। अमेरिका चाहता है कि इंडो-पैसिफिक में उसका नेतृत्व बना रहे, लेकिन यदि भारत एक प्रमुख हथियार सप्लायर के रूप में उभरता है, तो अमेरिका की रक्षा नेतृत्व में एक कूटनीतिक झटका लगेगा।