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फ्रांस में राजनीतिक संकट: प्रधानमंत्री बायरू की सरकार गिरी, मैक्रों को चुनना होगा नया नेता

फ्रांस में प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू की सरकार गिर गई है, जिससे राजनीतिक अस्थिरता का नया दौर शुरू हो गया है। संसद ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित किया, और अब राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को नया प्रधानमंत्री चुनने की चुनौती का सामना करना होगा। यह स्थिति न केवल फ्रांस की स्थिरता पर सवाल उठाती है, बल्कि पूरे यूरोप की आर्थिक स्थिति पर भी प्रभाव डाल सकती है। सभी की नजरें अब मैक्रों के अगले कदम पर हैं।
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फ्रांस में राजनीतिक संकट: प्रधानमंत्री बायरू की सरकार गिरी, मैक्रों को चुनना होगा नया नेता

फ्रांस में राजनीतिक अस्थिरता का नया दौर

फ्रांस में बायरू की सरकार का पतन: एक बार फिर से फ्रांस में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल बनता दिख रहा है। संसद ने सोमवार को प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित किया, जिसके परिणामस्वरूप उनकी सरकार गिर गई। यह निर्णय उस समय लिया गया है जब देश बढ़ते राष्ट्रीय कर्ज को नियंत्रित करने में असफल रहा है। वित्तीय अनुशासन को लेकर लंबे समय से उठ रहे सवालों को अब संसद ने स्पष्ट रूप से सामने ला दिया है।


74 वर्षीय बायरू ने केवल नौ महीने पहले प्रधानमंत्री का पद संभाला था, लेकिन आर्थिक चुनौतियों और राजनीतिक दबाव के चलते वह टिक नहीं पाए। प्रधानमंत्री कार्यालय ने पुष्टि की है कि बायरू मंगलवार को राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को अपना इस्तीफा सौंपेंगे।


मैक्रों के सामने नई चुनौतियाँ

मैक्रों को चुनना होगा नया प्रधानमंत्री 


अब राष्ट्रपति मैक्रों के सामने यह चुनौती है कि उन्हें दो साल से भी कम समय में पांचवां प्रधानमंत्री चुनना होगा। यह स्थिति फ्रांस की स्थिरता और शासन व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े करती है। लगातार बदलते प्रधानमंत्रियों के कारण नीतिगत निरंतरता प्रभावित हो रही है, जिससे निवेशकों का विश्वास भी डगमगा रहा है।


देश की वित्तीय स्थिति भी चिंताजनक बनी हुई है। बढ़ते कर्ज और बजट घाटे के कारण वित्तीय बाजारों में अनिश्चितता का माहौल है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि नई सरकार ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाए, तो निवेशकों का विश्वास और कमजोर हो सकता है। खासकर जब यूरोप की अर्थव्यवस्था भी कई मोर्चों पर दबाव में है। फ्रांस की यह अस्थिरता पूरे क्षेत्र के लिए चुनौती बन सकती है।


मैक्रों पर बढ़ता दबाव

राष्ट्रपति मैक्रों को चुनना होगा सक्षम नेता 


राष्ट्रपति मैक्रों पर अब यह दबाव बढ़ गया है कि वे ऐसा नेता चुनें जो संसद का विश्वास प्राप्त कर सके और आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ा सके। विश्लेषकों का मानना है कि नए प्रधानमंत्री का चयन आसान नहीं होगा क्योंकि संसद में विभाजन गहरा है और विपक्ष सरकार की नीतियों पर लगातार आक्रामक बना हुआ है।


फिलहाल, फ्रांस में राजनीतिक अनिश्चितता और आर्थिक संकट दोनों समानांतर रूप से देश के भविष्य पर छाया डाले हुए हैं। अब सभी की नजरें मैक्रों के अगले कदम पर हैं कि वे किसे प्रधानमंत्री बनाते हैं और वह किस हद तक संसद का भरोसा जीत पाते हैं।