फ्रांस में राजनीतिक संकट: मैक्रों को चौथे प्रधानमंत्री की तलाश

फ्रांसीसी सांसदों का बड़ा फैसला
फ्रांसीसी सांसदों ने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को एक महत्वपूर्ण झटका देते हुए प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू को 364 के मुकाबले 194 मतों से पद से हटा दिया। इस निर्णय के बाद, बायरू की अल्पकालिक सरकार को इस्तीफा देना पड़ा, जिससे मैक्रों को केवल एक वर्ष में अपने चौथे प्रधानमंत्री की नियुक्ति में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। बायरू, जो मैक्रों के लंबे समय के राजनीतिक सहयोगी थे, को दिसंबर 2024 में इस पद पर नियुक्त किया गया था। उनका पतन तब हुआ जब उन्होंने खुद विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया, जिसमें उन्होंने सांसदों से सार्वजनिक खर्च में कटौती और फ्रांस के बढ़ते कर्ज को कम करने के प्रयासों का समर्थन मांगा। इसके विपरीत, वामपंथी और अति-दक्षिणपंथी राजनीतिक विरोधियों ने उन्हें गिराने का अवसर भुनाया।
फ्रांस में राजनीतिक संकट की पुनरावृत्ति
फ्रांस में एक वर्ष में चौथी बार राजनीतिक संकट गहरा गया है। राष्ट्रपति मैक्रों को 12 महीनों में चौथा नया प्रधानमंत्री चुनना होगा। अगले 20 महीनों में फ्रांस में पांचवें प्रधानमंत्री की नियुक्ति होगी। बायरू ने विश्वास मत पर चर्चा करते हुए कहा कि सांसदों के सामने फ्रांस के भविष्य को लेकर 'राजनीतिक नहीं, बल्कि ऐतिहासिक सवाल' है। उन्होंने कहा, 'आप मेरे फैसले को जोखिम भरा मानते होंगे, लेकिन मेरा मानना है कि सबसे बड़ा जोखिम तो यही होगा कि कोई जोखिम न उठाया जाए।' बायरू का बजट प्रस्ताव देश के बढ़ते घाटे और कर्ज को नियंत्रित करने के लिए तैयार किया गया था, जिसमें सामाजिक योजनाओं पर खर्च में कटौती और दो छुट्टियों को समाप्त करने का प्रस्ताव शामिल था। हालांकि, यह प्रस्ताव राजनीतिक दलों और जनता को पसंद नहीं आया।
मैक्रों की घटती लोकप्रियता
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की लोकप्रियता भी तेजी से गिर रही है। हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, केवल 15% लोग उन पर भरोसा करते हैं। वहीं, प्रधानमंत्री बायरू की स्थिति और भी खराब है, उन्हें केवल 14% समर्थन प्राप्त हुआ है। यह आंकड़ा फ्रांस में किसी प्रधानमंत्री के लिए सबसे कम समर्थन में से एक है।