बलिया में विवादास्पद आदेश पर सियासी हलचल, अखिलेश यादव ने उठाए सवाल

बलिया में प्रशासनिक आदेश से मचा हंगामा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बलिया में पंचायती राज अधिकारी द्वारा जारी एक आदेश ने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है। इस आदेश के बाद जिला मजिस्ट्रेट को हस्तक्षेप करना पड़ा। जब यह मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा, तो उन्होंने संयुक्त निदेशक एसएन सिंह को तुरंत निलंबित करने का निर्देश दिया। इस घटनाक्रम ने यूपी की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि पीडीए को जितना दबाया जाएगा, उनकी एकता उतनी ही मजबूत होगी।
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "जो भी अवैध है, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन फिर क्यों किसी विशेष जाति या धर्म के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है? न्यायपालिका को तुरंत इस पर ध्यान देना चाहिए, यह संविधान के खिलाफ है। हम इसके खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।"
जो भी गैर-क़ानूनी हो उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई हो क्योंकि अवैध तो अवैध होता फिर क्यों किसी जाति या धर्म विशेष के लोगों को टारगेट किया जा रहा है।
न्यायपालिका तुरंत संज्ञान ले, ये संविधान विरोधी काम है। हम इसके ख़िलाफ़ कोर्ट जाएंगे।
पीडीए को जितना प्रताड़ित किया जाएगा, पीडीए एकता…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 5, 2025
जानकारी के अनुसार, बलिया के जिला पंचायती राज अधिकारी अवनीश कुमार श्रीवास्तव ने 2 अगस्त को एक आदेश जारी किया था। इस आदेश में 29 जुलाई 2025 को निदेशक, पंचायती राज द्वारा भेजे गए पत्र का उल्लेख किया गया था। निदेशक के आदेश में कहा गया था कि बीजेपी के किसान नेता विवेक कुमार श्रीवास्तव ने 6 जुलाई 2025 को मुख्यमंत्री को एक मांग पत्र सौंपा था, जिसमें उत्तर प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में जाति विशेष (यादव) और धर्म विशेष (मुस्लिम) द्वारा अवैध कब्जों को हटाने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई थी।
सीएम योगी का कड़ा रुख
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पत्र के वायरल होने के बाद अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने इस आदेश को भेदभावपूर्ण और अस्वीकार्य बताते हुए इसे तुरंत रद्द करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही, उन्होंने इसे गंभीर प्रशासनिक गलती मानते हुए संबंधित संयुक्त निदेशक को निलंबित करने का आदेश दिया।