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बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल: शेख हसीना की वापसी की तैयारी

बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिति में तेजी से बदलाव आ रहा है, खासकर जब से शेख हसीना ने देश छोड़ा। अब, उनकी पार्टी ढाका में लॉकडाउन का आयोजन कर रही है, जबकि मोहम्मद यूनुस पर चुनावी दबाव बढ़ रहा है। जानें इस राजनीतिक उथल-पुथल के पीछे की कहानी और क्या हो सकता है आगे।
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बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल: शेख हसीना की वापसी की तैयारी

बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिति का विकास


नई दिल्ली। अगस्त 2024 में छात्रों के विद्रोह के बाद से, जब शेख हसीना ने बांग्लादेश छोड़ा, तब से देश में कई परिवर्तन हुए हैं, लेकिन स्थिरता अभी भी दूर है। बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई पूरी कर ली है, और 13 नवंबर को इस पर निर्णय आने की संभावना है। दिलचस्प बात यह है कि इसी दिन शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी ने ढाका में लॉकडाउन का कार्यक्रम भी निर्धारित किया है।


इस समय बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद यूनुस पर भी दबाव बढ़ रहा है। शेख हसीना की पार्टी ढाका लॉकडाउन के माध्यम से अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रही है, जबकि चुनावी दबाव और युवा पीढ़ी का असंतोष यूनुस की स्थिति को कमजोर कर रहा है। ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस के सूत्रों के अनुसार, शहर के 142 महत्वपूर्ण स्थानों पर 7000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है, और मोहम्मद यूनुस के निवास को सुरक्षा के लिहाज से कड़ा किया गया है।


शेख हसीना की रणनीति और उसके परिणाम


शेख हसीना ने अगस्त 2024 में देश की बिगड़ती स्थिति के कारण भारत में शरण ली थी और तब से वे दिल्ली में सुरक्षित हैं। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा था कि उन्हें यहाँ सुरक्षित महसूस होता है। इस बीच, बांग्लादेश में उनके खिलाफ कई मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें राष्ट्रद्रोह भी शामिल है, लेकिन वे इन आरोपों से इनकार करती हैं। वे बांग्लादेश में कट्टरपंथियों के बढ़ते प्रभाव पर भी चिंता व्यक्त करती हैं। अब, उनकी पार्टी चुनाव की तैयारी कर रही है, और ढाका लॉकडाउन इस दिशा में पहला कदम है। मोहम्मद यूनुस इस स्थिति को हल्के में नहीं ले रहे हैं और सुरक्षा बलों की तैनाती कर रहे हैं।


सेना और जनता के दबाव के बाद, मोहम्मद यूनुस ने घोषणा की है कि अगला आम चुनाव 2026 के प्रारंभिक महीनों में, विशेष रूप से अप्रैल 2026 में होगा। पहले यह चुनाव फरवरी 2026 में होने की योजना थी, जिससे बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) नाराज है, क्योंकि वे दिसंबर 2025 में चुनाव चाहते थे। सेना भी लगातार यूनुस पर चुनाव की समयसीमा को लेकर दबाव बना रही है। इस बीच, शेख हसीना की पार्टी का आक्रामक रुख उनके लिए एक चुनौती बनता जा रहा है, जिससे उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।