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बांग्लादेश में सेना के अधिकारियों को अदालत में पेश करने की चेतावनी

बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने सेना को चेतावनी दी है कि यदि उसके 15 सक्रिय अधिकारियों को अदालत में पेश नहीं किया गया, तो उन्हें भगोड़ा घोषित किया जाएगा। अभियोजक गाजी एमएच तमीम ने कहा कि यदि अधिकारी अदालत में उपस्थित नहीं होते हैं, तो समन के नोटिस जारी किए जाएंगे। सेना ने पहले ही 15 अधिकारियों को हिरासत में लिया है, लेकिन वारंट की प्रति प्राप्त करने से इनकार किया है। यह मामला सेना के कोर्ट मार्शल के बजाय दीवानी अदालत में मुकदमे से संबंधित चिंताओं को लेकर है।
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बांग्लादेश में सेना के अधिकारियों को अदालत में पेश करने की चेतावनी

अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण की कार्रवाई

बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने मंगलवार को सेना को चेतावनी दी कि यदि बुधवार को उसके 15 सक्रिय अधिकारियों को अदालत में पेश नहीं किया गया, तो उन्हें 'भगोड़ा' घोषित किया जाएगा।


आईसीटी-बीडी के अभियोजक गाजी एमएच तमीम ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'यदि वे कल अदालत में उपस्थित नहीं होते हैं, तो न्यायाधिकरण एक नई तारीख निर्धारित करेगा और उनके खिलाफ समन के नोटिस दो समाचार पत्रों में प्रकाशित किए जाएंगे। उस तारीख को उपस्थित न होने पर उन्हें भगोड़ा घोषित किया जाएगा।'


उन्होंने आगे बताया कि न्यायाधिकरण ने पहले कई पूर्व और वर्तमान अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे, और पुलिस महानिरीक्षक को इस आदेश को लागू करने का निर्देश दिया गया था। 'वारंट की प्रतियां संबंधित सशस्त्र बलों के प्रमुखों को भी भेजी गई थीं,' उन्होंने कहा।


11 अक्टूबर को सेना ने मीडिया से कहा था कि आईसीटी-बीडी द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी होने के तुरंत बाद उन्होंने 16 में से 15 अधिकारियों को 'सैन्य हिरासत' में ले लिया।


हालांकि, सेना ने किसी भी वारंट की प्रति प्राप्त करने से इनकार किया है, यह कहते हुए कि उन्हें कोर्ट मार्शल के बजाय आईसीटी-बीडी अधिनियम के तहत दीवानी अदालत में मुकदमे से संबंधित चिंताएं हैं।