बाबा बैद्यनाथ धाम में विवाद: सांसदों पर एफआईआर दर्ज
बाबा बैद्यनाथ धाम में विवादास्पद घटना
बाबा बैद्यनाथ धाम, जो श्रावण महीने में लाखों भक्तों का आस्था का केंद्र है, एक बार फिर चर्चा में है। इस बार भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे और गायक-सांसद मनोज तिवारी सहित अन्य नेताओं पर एक एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें उन पर मंदिर के गर्भगृह में अवैध प्रवेश का आरोप लगाया गया है। यह घटना 2 अगस्त की रात की है, जब हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए कतार में थे और अचानक मंदिर परिसर में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस के अनुसार, बीजेपी नेता और उनके सहयोगियों ने वीआईपी प्रतिबंध का उल्लंघन करते हुए गर्भगृह में प्रवेश किया।श्रावण मास में गर्भगृह में प्रवेश पर रोक क्यों है? श्रावण मास के दौरान बाबा बैद्यनाथ मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इस भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने गर्भगृह में वीआईपी और वीवीआईपी लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी है ताकि दर्शन व्यवस्था और सुरक्षा में कोई बाधा न आए।
पुजारी की शिकायत पर कानूनी कार्रवाई मंदिर के पुजारी कार्तिक नाथ ठाकुर ने 7 अगस्त को देवघर थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद मामला बढ़ गया। शिकायत में कहा गया है कि निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी ने शाम 8:45 से 9:00 बजे के बीच नियमों का उल्लंघन करते हुए गर्भगृह में प्रवेश किया। उनका यह कदम धार्मिक रीति-रिवाजों का उल्लंघन माना गया।
एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं, जिनमें धार्मिक भावनाएं आहत करना, सरकारी कार्य में बाधा डालना और पुलिस से धक्का-मुक्की करना शामिल है। एक पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी कि बाबा मंदिर थाने में दर्ज इस एफआईआर में निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी, कांशीकांत दुबे, शेषाद्री दुबे और कुछ अन्य लोगों के नाम शामिल हैं। अधिकारी ने यह भी बताया कि घटना के दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की की गई थी।
दुबे का जवाब: पूजा करने पर दर्ज हुए 51 मामले इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा कि उनके खिलाफ अब तक 51 मामले केवल पूजा-अर्चना करने के लिए दर्ज किए जा चुके हैं।