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बिलावल भुट्टो का भारत के साथ बातचीत में आतंकियों को सौंपने का बयान विवादित

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने भारत के साथ बातचीत में आतंकवादी नेताओं को सौंपने की संभावना जताई है, जिससे कट्टरपंथी संगठनों में नाराजगी फैल गई है। तल्हा सईद ने बिलावल को 'अविश्वसनीय चेहरा' बताया है। इस बयान के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक नेतृत्व और सेना के बीच मतभेद उभरने लगे हैं। जानें इस विवाद के पीछे की कहानी और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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बिलावल भुट्टो का भारत के साथ बातचीत में आतंकियों को सौंपने का बयान विवादित

बिलावल भुट्टो का बयान

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के प्रमुख और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने हाल ही में एक साक्षात्कार में भारत के साथ संवाद के संदर्भ में आतंकवादी नेताओं हाफिज सईद और मसूद अजहर को भारत को सौंपने की संभावना व्यक्त की है। इस बयान पर कट्टरपंथी संगठनों और हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। तल्हा ने बिलावल को विदेश नीति के लिए 'अविश्वसनीय चेहरा' करार दिया है।


4 जुलाई को मीडिया को दिए गए साक्षात्कार में जब बिलावल से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे व्यक्तियों को भारत को सौंप सकता है, ताकि विश्वास का माहौल बने, तो उन्होंने कहा, "यदि भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापक संवाद हो, जिसमें आतंकवाद भी शामिल हो, तो पाकिस्तान किसी भी संभावना का विरोध नहीं करेगा।" यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत-पाकिस्तान संबंधों में कूटनीतिक चर्चा की संभावनाएं फिर से उभर रही हैं।


तल्हा सईद और कट्टरपंथी संगठनों का आक्रोश

तल्हा सईद की प्रतिक्रिया


हाफिज सईद के बेटे तल्हा ने बिलावल के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा, "बिलावल भुट्टो एक सच्चे मुसलमान नहीं हैं। वे मेरे पिता को इस तरह भारत को कैसे सौंप सकते हैं?" तल्हा ने भारत पर पाकिस्तान में आतंकवाद फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बिलावल जैसे नेता भारत और पश्चिमी एजेंडे को बढ़ावा दे रहे हैं, जो पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए खतरा है। उनके अनुसार, यह बयान राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ है और पीपीपी जैसे दल भारत को खुफिया जानकारी भी दे चुके हैं।


कट्टरपंथी संगठनों की प्रतिक्रिया

बिलावल को गैर जिम्मेदार बताया गया


सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन इस मुद्दे पर राजनीतिक नेतृत्व और सेना के बीच विभाजित हैं। जहां सेना अक्सर इन संगठनों को संरक्षण देती है, वहीं कुछ राजनेता अब अंतरराष्ट्रीय दबाव में उन्हें बलि का बकरा बना रहे हैं। बिलावल के बयान को गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए आतंकी समूहों ने कहा कि उन्हें न तो राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है, और न ही विदेश नीति में कोई भरोसा किया जा सकता है।


भारत को सौंपने पर विवाद

क्यों मचा बवाल?


यह ध्यान देने योग्य है कि हाफिज सईद 26/11 मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड है और वर्तमान में पाकिस्तान में 33 साल की सजा काट रहा है, जबकि मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक आतंकवादी घोषित किया है और वह लंबे समय से किसी गुप्त स्थान पर छिपा हुआ है। हालांकि पाकिस्तान की नेशनल काउंटर टेररिज़्म अथॉरिटी (NACTA) ने इन संगठनों पर प्रतिबंध लगाया है, लेकिन उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई की कभी कोई स्पष्टता नहीं रही। बिलावल के बयान से भारत के साथ वार्ता की संभावनाएं जरूर दिखीं, लेकिन यह उनके लिए आतंकवादी संगठनों के बीच एक नई चुनौती खड़ी कर सकता है।