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बिहार एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सीट बंटवारे को लेकर उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी ने एनडीए में खटास पैदा कर दी है। भाजपा और जेडीयू के नेता स्थिति को सामान्य बताने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कुशवाहा की असंतोषजनक प्रतिक्रिया ने स्थिति को स्पष्ट कर दिया है। महुआ सीट को एलजेपी को देने के बाद कुशवाहा ने अपने कार्यकर्ताओं को भाजपा के नामांकन में भाग न लेने का निर्देश दिया है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और कुशवाहा के अगले कदम क्या होंगे।
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बिहार एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी

बिहार एनडीए में सीट बंटवारे का विवाद

बिहार एनडीए में सीट बंटवारे का विवाद: 2025 के विधानसभा चुनावों में सीटों के आवंटन के बाद, भाजपा और जेडीयू के नेता बार-बार यह दावा कर रहे हैं कि एनडीए में सब कुछ सामान्य है। लेकिन आरएलएम के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि स्थिति ठीक नहीं है। उपेंद्र कुशवाहा अपने कोटे की दो सीटें खोने से बेहद असंतुष्ट हैं।

उपेंद्र कुशवाहा और जीतनराम मांझी पहले ही अपनी पार्टियों को केवल छह-छह सीटें मिलने से नाखुश थे। अब जब महुआ सीट एलजेपी (आर) को और दिनारा सीट जेडीयू को दी गई, तो कुशवाहा ने कड़ा विरोध जताया है। आरएलएम ने अपने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वे भाजपा या एनडीए के किसी भी उम्मीदवार के नामांकन में भाग न लें। इसके बाद भाजपा के नेता कुशवाहा को मनाने उनके घर पहुंचे।

केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, नितिन नवीन और ऋतुराज सिन्हा आधी रात को कुशवाहा के आवास पर पहुंचे। सुबह पांच बजे तक बंद कमरे में उनकी बातचीत हुई। सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेताओं के प्रयासों के बावजूद कुशवाहा ने अपनी बात नहीं मानी। चर्चा है कि उन्होंने दोपहर 12.30 बजे आरएलएम के नेताओं की बैठक बुलाई है, जिसमें वे महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं।

कहा जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा महुआ सीट से अपने बेटे को चुनावी मैदान में उतारना चाहते थे, लेकिन यह सीट एलजेपी को दे दी गई। आरएलएम ने सासाराम, मधुबनी, दिनारा, बाजपट्टी, महुआ और उजियारपुर सीटों की मांग की थी।