बिहार की राजनीति में चिराग पासवान का नया बयान: NDA में हलचल

चिराग पासवान का बयान और बिहार की सियासत
चिराग पासवान की खबरें: बिहार की राजनीतिक स्थिति एक बार फिर से गर्म हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को मजबूत करने के लिए रैलियों, रोड शो और विकास परियोजनाओं का उद्घाटन कर रहे हैं। वहीं, चिराग पासवान, जिन्हें मोदी का 'हनुमान' कहा जाता है, के बगावती तेवर NDA में हलचल पैदा कर रहे हैं। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने हाल ही में घोषणा की है कि उनकी पार्टी सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जो NDA के लिए एक चेतावनी के रूप में देखी जा रही है.
चिराग की बगावत: रणनीति या दबाव?
चिराग पासवान ने अपने बयानों से स्पष्ट कर दिया है कि वह बिहार में अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करना चाहते हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में, चिराग ने NDA से अलग होकर जनता दल (यूनाइटेड) के खिलाफ उम्मीदवार खड़े किए थे, जिससे जेडी(यू) की सीटें 70 से घटकर 43 रह गई थीं। उनके हालिया बयान को NDA के भीतर सीट बंटवारे पर दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। चिराग ने कहा, 'मुझे बिहार बुला रहा है,' जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह रणनीति NDA में 30-40 सीटें हासिल करने के लिए मोलभाव की कोशिश हो सकती है.
पीएम मोदी की मेहनत और NDA की रणनीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार में NDA को एकजुट रखने और चुनावी जीत सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। हाल ही में उन्होंने पटना में रोड शो किया और बिहार के लिए कई विकास परियोजनाओं की घोषणा की। पीएम ने पार्टी नेताओं को सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने और बूथ-स्तरीय संगठन को मजबूत करने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति में वंशवाद और परिवारवाद को समाप्त करना होगा। लेकिन चिराग के बयानों ने नीतीश कुमार की जेडी(यू) और बीजेपी के बीच तनाव को फिर से उजागर कर दिया है.
नीतीश कुमार से टकराव और NDA में दरार
चिराग पासवान और नीतीश कुमार के बीच पुराना टकराव किसी से छिपा नहीं है। 2020 में चिराग ने नीतीश के खिलाफ तीखे हमले किए थे, जिसमें उन्होंने नीतीश को 'पलटूराम' तक कह डाला था। इस बार भी चिराग के बयानों से जेडी(यू) असहज है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी चिराग के जरिए नीतीश पर दबाव बनाना चाहती है ताकि बिहार में बीजेपी की स्थिति मजबूत हो। हालांकि, चिराग ने हमेशा पीएम मोदी के प्रति अपनी निष्ठा जताई है और खुद को उनका 'हनुमान' बताया है.