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बिहार की राजनीति में चिराग पासवान को बड़ा झटका: लोजपा के 139 नेता इस्तीफे के लिए मजबूर

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान को एक बड़ा झटका लगा है। सारण जिले में 139 पदाधिकारियों और नेताओं ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है, जिससे पार्टी में हलचल मच गई है। इस्तीफे का मुख्य कारण जमुई से सांसद अरुण भारती पर अवैध वसूली के आरोप हैं। नाराज नेताओं का कहना है कि पार्टी का संचालन तानाशाही तरीके से किया जा रहा है। इस स्थिति ने पार्टी की चुनावी तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी।
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बिहार की राजनीति में चिराग पासवान को बड़ा झटका: लोजपा के 139 नेता इस्तीफे के लिए मजबूर

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले लोजपा में हलचल

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नजदीक, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को एक गंभीर झटका लगा है। सारण जिले में लोजपा (रामविलास) के 139 पदाधिकारियों और नेताओं ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है, जिससे पार्टी में हड़कंप मच गया है। इस्तीफे का मुख्य कारण जमुई से सांसद और बिहार प्रभारी अरुण भारती पर अवैध वसूली के गंभीर आरोप हैं। नाराज नेताओं का कहना है कि अरुण भारती और खगड़िया सांसद राजेश वर्मा तानाशाही तरीके से पार्टी का संचालन कर रहे हैं।


इस्तीफा देने वाले प्रमुख नेता

इस्तीफा देने वालों में कौन-कौन शामिल? 


इस्तीफा देने वालों में पूर्व जिला अध्यक्ष और वर्तमान प्रदेश सचिव दीपक कुमार सिंह भी शामिल हैं। इनके साथ 39 मंडल समिति सदस्य, 16 प्रखंड अध्यक्ष, 30 महिला समिति सदस्य और 40 नगर निकाय समिति सदस्य ने भी अपने पद छोड़े हैं। दीपक कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि 'संकल्प यात्रा' के नाम पर सारण से जबरन वसूली की गई और जब कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया तो उन्हें अपमानित किया गया। उनका कहना है कि पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान के साले अरुण भारती पार्टी को एक निजी कंपनी की तरह चला रहे हैं।


नाराज नेताओं की नारेबाजी

सारण के नाराज नेताओं ने की नारेबाजी 


सारण के नाराज नेताओं ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर दोनों सांसदों के खिलाफ नारेबाजी की। दीपक कुमार सिंह ने स्पष्ट किया कि इस्तीफा देने के बावजूद वे एनडीए (NDA) में बने रहेंगे और सभी मिलकर आगे की रणनीति तय करेंगे। इससे पहले पिछले महीने खगड़िया में भी 38 नेताओं ने सामूहिक इस्तीफा दिया था, जिनमें पूर्व जिलाध्यक्ष शिवराज यादव, प्रदेश महासचिव रतन पासवान और युवा जिलाध्यक्ष सुजीत पासवान शामिल थे। वहां भी सांसद राजेश वर्मा के कार्यशैली से नाराजगी मुख्य कारण बताई गई थी।


पार्टी की चुनावी तैयारियों पर सवाल

पार्टी की चुनावी तैयारियों पर सवाल


लगातार इस्तीफों की इस लहर ने पार्टी की चुनावी तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि चिराग पासवान इस अंदरूनी कलह को समाप्त करने और पार्टी में स्थिरता लाने के लिए क्या कदम उठाएंगे।