बिहार की राजनीति में बदलाव: नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू
बिहार में राजनीतिक हलचल
नई दिल्ली: बिहार की राजनीतिक स्थिति अगले सप्ताह महत्वपूर्ण बदलाव की ओर अग्रसर है, क्योंकि नई विधानसभा के गठन की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुँच चुकी है। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है, और इसी को ध्यान में रखते हुए एनडीए और जेडीयू ने अपनी रणनीतियों को तेज कर दिया है। चुनाव परिणामों के बाद, नई सरकार के गठन के लिए दिल्ली और पटना में लगातार बैठकें हो रही हैं।
नीतीश कुमार का इस्तीफा
सूत्रों के अनुसार, नीतीश कुमार अगले सप्ताह राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं, जो नई सरकार के गठन की औपचारिक प्रक्रिया का हिस्सा होगा। इस दौरान शपथ ग्रहण समारोह की संभावित तारीख पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।
शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी
नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति लगभग निश्चित मानी जा रही है। इस समारोह की तारीख उनके कार्यक्रम के अनुसार तय की जाएगी। केंद्र और बिहार सरकार के बीच कार्यक्रमों के समन्वय की प्रक्रिया जारी है, ताकि शपथ ग्रहण समारोह भव्य और सुचारू रूप से आयोजित किया जा सके।
बिहार का अगला मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद, एनडीए की सहयोगी पार्टियां विधायक दल की बैठकें करेंगी और अपने नेता का चुनाव करेंगी। इसके बाद एनडीए की संयुक्त बैठक में मुख्यमंत्री के उम्मीदवार की घोषणा की जाएगी। सभी संकेत बताते हैं कि नीतीश कुमार को फिर से एनडीए विधायक दल का नेता चुना जाएगा, जिससे उनका मुख्यमंत्री बनना लगभग तय है।
क्या नीतीश कुमार 10वीं बार मुख्यमंत्री बनेंगे?
यदि सभी औपचारिकताएं समय पर पूरी हो जाती हैं, तो नीतीश कुमार दसवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले सकते हैं। यह उनके राजनीतिक करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ होगा। जेडीयू और बीजेपी दोनों इस समारोह को भव्य बनाने की तैयारी कर रही हैं, जिससे गठबंधन की एकता का संदेश भी दिया जा सके।
मंत्रालयों के बंटवारे पर चर्चा
नई सरकार के गठन के साथ ही अगले सप्ताह मंत्रालयों के बंटवारे, नीति प्राथमिकताओं और गठबंधन के भीतर पदों के वितरण पर चर्चा शुरू होने की संभावना है। आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में नए समीकरणों और रणनीतियों के साथ गतिविधियों में तेजी देखने को मिलेगी।
