बिहार की राजनीति में बयानबाजी का नया दौर: जदयू और बीजेपी के बीच तकरार
बिहार की सियासत में बयानबाजी का उबाल
हाल के दिनों में बिहार की राजनीति में बयानबाजी का स्तर बढ़ गया है। बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आरजेडी को 'समाजवादी' नहीं, बल्कि 'नमाजवादी' करार दिया, जिससे सियासी माहौल में गर्माहट आ गई है। इसके साथ ही, तेजस्वी यादव को 'मौलाना तेजस्वी' कहने पर जदयू ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। इस पर जदयू के वरिष्ठ नेता नीरज कुमार ने अपनी राय व्यक्त की है, जिसमें उन्होंने बीजेपी के आरोपों का जवाब दिया।नीतीश कुमार के समाजवादी मॉडल की विशेषताएं बताते हुए नीरज कुमार ने कहा कि यह एक ऐसा विकास मॉडल है, जिसमें सभी वर्गों और धर्मों के लोगों को समान अधिकार मिलते हैं। उन्होंने कहा, "समाजवाद का अर्थ है कि बिहार में दलितों के हाथ में राष्ट्रीय ध्वज होता है और नीतीश कुमार उन्हें सम्मानित करते हैं। यही समाजवाद की सही परिभाषा है।"
नीरज कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि बिहार में सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखते हुए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जैसे जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्र आवास योजना और डॉ. भीमराव अंबेडकर छात्र आवास योजना। उन्होंने कहा, "हर धर्म के लोगों को अपनी आस्था व्यक्त करने का अधिकार है, चाहे वह चर्च में प्रार्थना करे या मंदिर में पूजा।"
नीरज कुमार ने AIMIM द्वारा तीसरे मोर्चे की घोषणा को भी खारिज किया और कहा कि ऐसे बयान निराश नेताओं के होते हैं। उन्होंने कहा, "बिहार में सफलता की कहानी केवल नीतीश कुमार के नेतृत्व में लिखी जा रही है।"
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे द्वारा कांग्रेस पर 'CIA का पैसा' मिलने का आरोप लगाने पर नीरज कुमार ने कहा कि यदि यह सच है, तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा, "अगर निशिकांत दुबे के पास इस आरोप के सबूत हैं, तो उन्हें इसे सक्षम एजेंसियों के सामने लाना चाहिए।"
इस बयानबाजी से यह स्पष्ट होता है कि बिहार की राजनीति में हर बयान एक नया मोड़ ला रहा है। बीजेपी समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता पर हमले कर रही है, जबकि जदयू विकास की दिशा को प्रमुखता दे रहा है। अब देखना होगा कि आगामी चुनावों में जनता किसकी बातों को सही मानती है।