बिहार की राजनीति में हलचल: भाजपा ने प्रमोद कुमार को प्रत्याशी बनाया

राजनीतिक गतिविधियों में तेजी
राष्ट्रीय समाचार: बिहार की राजनीतिक स्थिति में शुक्रवार को एक नई हलचल देखने को मिली, जब भाजपा ने मोतिहारी से विधायक प्रमोद कुमार को अपना प्रत्याशी घोषित किया। राज्य के मंत्री मंगल पांडेय ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में इस नाम की घोषणा की। पांडेय ने जनता से अपील की कि वे कुमार को फिर से जीत दिलाकर एनडीए को मजबूत करें। हालांकि, सीट बंटवारे पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन भाजपा ने अपनी रणनीति को स्पष्ट कर दिया है। इस घोषणा के दौरान, पांडेय ने महागठबंधन की सीट बंटवारे पर कटाक्ष किया।
कांग्रेस पर तीखा हमला
पांडेय ने कांग्रेस पर भी कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां के बारे में जो एआई वीडियो फैलाया गया है, उसने उनकी सच्चाई को उजागर कर दिया है। इसे न केवल मोदी की मां का अपमान बताया गया, बल्कि यह देश की हर मां का अपमान भी है। पांडेय ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने गांधीवादी राजनीति को छोड़कर गाली-गलौज की राजनीति अपनाई है।
महिलाओं और गरीबों का अपमान
भाजपा नेता ने आगे कहा कि कांग्रेस का यह कदम महिलाओं और गरीबों का सीधा अपमान है। उन्होंने कहा कि राजनीति में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मां जैसे पवित्र रिश्ते को निशाना बनाना गलत है। पांडेय ने जनता से अपील की कि वे ऐसे दलों को नकारें जो अपमान की राजनीति करते हैं और उन नेताओं का समर्थन करें जो विकास की बात करते हैं।
विकास का एजेंडा
भाजपा ने प्रत्याशी का नाम घोषित कर विकास के मुद्दे को चुनावी बहस का केंद्र बना दिया है। पांडेय ने कहा कि एनडीए की सरकार में बिहार ने बिजली, सड़क और बुनियादी ढांचे में प्रगति की है। उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि सरकार दोबारा बनी, तो राज्य को और आगे बढ़ाया जाएगा। भाजपा का मानना है कि जल्दी उम्मीदवार तय करने से प्रचार में बढ़त मिलेगी।
महागठबंधन की दुविधा
विपक्षी महागठबंधन अब तक सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बना सका है। राजद, कांग्रेस और वाम दलों के बीच खींचतान जारी है। भाजपा का मानना है कि यह देरी विपक्ष की कमजोरी को दर्शाती है। भाजपा नेताओं का कहना है कि जब विपक्ष खुद तय नहीं कर पा रहा, तब जनता उनसे क्या उम्मीद करेगी।
चुनावी मुकाबला तेज
भाजपा के इस कदम से बिहार का चुनावी मुकाबला और भी तेज हो गया है। भाजपा ने एक ओर विपक्ष की कमजोरी को उजागर किया है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के विवादित वीडियो को मुद्दा बना दिया है। अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि विपक्षी दल इस चुनौती का सामना कैसे करेंगे। यह स्पष्ट है कि बिहार का चुनावी रण अब और भी दिलचस्प होने वाला है।