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बिहार के उपमुख्यमंत्री पर तेजस्वी यादव का गंभीर आरोप: क्या है सच?

बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा पर तेजस्वी यादव ने गंभीर आरोप लगाए हैं कि उनके पास दो मतदाता पहचान पत्र हैं। चुनाव आयोग ने इस मामले में नोटिस जारी किया है। तेजस्वी का कहना है कि सिन्हा की उम्र की जानकारी भी अलग-अलग है, जो धोखाधड़ी का संकेत देती है। इस विवाद के बीच, सिन्हा ने अपनी सफाई में कहा है कि उन्होंने तकनीकी कारणों से नाम हटाने का अनुरोध किया था। यह मामला बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों के संदर्भ में राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हो गया है।
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बिहार के उपमुख्यमंत्री पर तेजस्वी यादव का गंभीर आरोप: क्या है सच?

तेजस्वी यादव का आरोप

Tejashwi Yadav allegation on Vijay Sinha: बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा को चुनाव आयोग ने दो मतदाता पहचान पत्र रखने और विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में पंजीकरण के मामले में नोटिस जारी किया है। यह कार्रवाई राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव द्वारा उठाए गए आरोपों के कुछ घंटों बाद की गई, जिसमें उन्होंने कहा कि सिन्हा के पास दो ईपीआईसी नंबर हैं। हालांकि, भाजपा नेता ने इन आरोपों को नकार दिया है।


जवाब देने की अंतिम तिथि

जवाब दाखिल करने की अंतिम तिथि 14 अगस्त 

चुनाव आयोग के एक अधिकारी के अनुसार, बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी ने उपमुख्यमंत्री को पत्र भेजकर पूछा है कि उनके पास दो पहचान पत्र क्यों हैं और वे दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों, बांकीपुर और लखीसराय में मतदाता के रूप में कैसे पंजीकृत हैं। इस पर जवाब देने की अंतिम तिथि 14 अगस्त निर्धारित की गई है।


तेजस्वी का आरोप

तेजस्वी यादव ने कहा कि सिन्हा की लखीसराय सीट पर ईपीआईसी आईडी संख्या IAF3939337 है, जबकि पटना जिले के बांकीपुर सीट पर उनकी आईडी संख्या AFS0853341 है। उन्होंने यह भी बताया कि दोनों सूचियों में उनकी उम्र अलग-अलग दर्ज है, एक में 57 वर्ष और दूसरी में 60 वर्ष। तेजस्वी ने सवाल उठाया कि क्या यह धोखाधड़ी और चुनावी घोटाला नहीं है? क्या इसके लिए सिन्हा या चुनाव आयोग जिम्मेदार हैं? उन्होंने यह भी पूछा कि इस मामले में क्या कार्रवाई होगी और क्या उपमुख्यमंत्री इस्तीफा देंगे।


तेजस्वी का आरोप

तेजस्वी ने लगाया आरोप

तेजस्वी ने कहा कि यह मामला चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद सामने आया है, जो प्रक्रिया में गंभीर खामियों को दर्शाता है। उन्होंने सवाल किया कि यदि सिन्हा ने दोनों फॉर्म पर हस्ताक्षर नहीं किए, तो क्या आयोग ने फर्जी हस्ताक्षरों के आधार पर पहचान पत्र जारी किए? उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे नियम केवल विपक्षी नेताओं पर लागू होते हैं।


सिन्हा का स्पष्टीकरण

वहीं, उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने अपनी सफाई में कहा कि वह वर्तमान में बांकीपुर सीट पर पंजीकृत मतदाता हैं, लेकिन अप्रैल 2024 में उन्होंने लखीसराय से नया मतदाता पहचान पत्र बनाने के लिए आवेदन किया था। उन्होंने अपने और परिवार के नाम बांकीपुर से हटाने का भी अनुरोध किया था। उनके अनुसार, तकनीकी कारणों से बांकीपुर से नाम नहीं हटाया गया और यह ड्राफ्ट सूची में रह गया।


बांकीपुर से नाम कटवाने की रसीद

बांकीपुर से नाम कटवाने की रसीद मौजूद

सिन्हा ने बताया कि उन्होंने बूथ स्तर के अधिकारी को फोन कर स्थिति स्पष्ट की और लिखित आवेदन भी दिया। उनके पास बांकीपुर से नाम कटवाने की रसीद मौजूद है। उन्होंने कहा कि उन्होंने हमेशा एक ही स्थान से मतदान किया है और पिछली बार भी केवल एक जगह वोट डाला।


भाजपा नेता का बयान

भाजपा नेता ने तेजस्वी पर झूठे आरोप लगाकर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जंगलराज के युवराज गलत तथ्य देकर लोगों को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। पूरा बिहार जानता है कि वह दूसरों की छवि खराब करने का खेल खेलते हैं। उन्हें मुझसे माफी मांगनी चाहिए।


चुनावों का समय

यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और विपक्ष चुनाव आयोग की प्रक्रियाओं पर सवाल उठा रहा है। चुनावी माहौल में यह मामला राजनीतिक रूप से गरमा गया है और अब सभी की निगाहें आयोग के अगले कदम पर टिकी हैं।