बिहार चुनाव 2025: ओवैसी का महागठबंधन में शामिल होने का प्रस्ताव

बिहार चुनावों में सियासी हलचल
Bihar elections 2025: बिहार की राजनीति में हर पल कुछ भी हो सकता है। यहां की सियासत में अचानक बदलाव आ रहा है। AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने महागठबंधन में शामिल होने का इरादा जताया है, जिससे भाजपा को झटका लगा है। हालांकि, इसके लिए महागठबंधन को कुछ शर्तें माननी होंगी। ओवैसी की पार्टी, जिसे भाजपा की 'बी टीम' कहा जाता है, आरजेडी और कांग्रेस के साथ मिलकर आगामी विधानसभा चुनाव में भाग लेने की इच्छा रखती है। एआईएमआईएम के बिहार अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने तेजस्वी यादव से संपर्क किया है, लेकिन अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
महागठबंधन में शामिल होने की संभावनाएं
हालांकि, एक बड़े गठबंधन की संभावनाएं बनी हुई हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि ओवैसी का असली इरादा एनडीए को चुनौती देने का है या फिर यह भाजपा की 'बी टीम' के आरोपों से बचने का एक प्रयास है।
तेजस्वी यादव को संदेश
एआईएमआईएम ने हाल ही में राजद और कांग्रेस के कुछ विधायकों से संपर्क किया है ताकि ओवैसी की महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा के बारे में जानकारी दी जा सके। लेकिन अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
बी टीम का टैग हटाने की कोशिश?
अख्तरुल ईमान ने कहा कि अगर एआईएमआईएम का महागठबंधन में शामिल होने का प्रस्ताव अस्वीकार किया जाता है, तो पार्टी को आगामी चुनावों में राजद को नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'हम ईमानदारी से महागठबंधन का हिस्सा बनना चाहते हैं, लेकिन अगर राजद को नुकसान होता है, तो हमें दोष न दें।'
ओवैसी की चुनौती
ओवैसी ने किशनगंज में कहा था कि उनकी पार्टी कम से कम 100 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है और 24 सीटें जीतने का लक्ष्य रखती है। 2020 में, एआईएमआईएम ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा और 5 सीटें जीतीं। पार्टी ने 5,23,279 वोट (1.24%) प्राप्त किए। हालांकि, कुछ समय बाद चार विधायक राजद में शामिल हो गए।