Newzfatafatlogo

बिहार चुनाव 2025: महागठबंधन का 'अति पिछड़ा न्याय संकल्प' और नीतीश सरकार पर तीखा हमला

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी में महागठबंधन ने 'अति पिछड़ा न्याय संकल्प' जारी किया है, जिसमें अति पिछड़ा वर्ग के अधिकारों की बात की गई है। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि अति पिछड़ों के हक की बात की जाए। इस घोषणा-पत्र में 30% आरक्षण और 'अति पिछड़ा अत्याचार निवारण कानून' जैसे महत्वपूर्ण वादे शामिल हैं। महागठबंधन का यह कदम बिहार की राजनीति में नया सामाजिक समीकरण स्थापित करने की कोशिश है।
 | 
बिहार चुनाव 2025: महागठबंधन का 'अति पिछड़ा न्याय संकल्प' और नीतीश सरकार पर तीखा हमला

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का आगाज

Bihar Election 2025 Manifesto: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की गतिविधियाँ अब तेज़ी से बढ़ने लगी हैं। इसी संदर्भ में महागठबंधन ने अपने घोषणा-पत्र का पहला भाग 'अति पिछड़ा न्याय संकल्प' के नाम से जारी किया है। यह घोषणा पत्र विशेष रूप से अति पिछड़ा वर्ग (EBC) को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, जो राज्य की सामाजिक संरचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव एक मंच पर उपस्थित हुए। इस अवसर पर दोनों नेताओं ने नीतीश सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि जिन वर्गों को लंबे समय से हाशिए पर रखा गया है, अब उनके अधिकारों की बात की जाएगी।


अति पिछड़ों के लिए वादों की झड़ी

अति पिछड़ों के लिए वादों की झड़ी
राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा कि देश में दलित, आदिवासी, पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज आज भी सत्ता और संसाधनों से उतना ही दूर है जितना दशकों पहले था। उन्होंने कहा कि महागठबंधन केवल आरक्षण की बात नहीं करता, बल्कि एक ऐसा विजन प्रस्तुत करता है जिसमें सामाजिक न्याय और आर्थिक भागीदारी दोनों हो। तेजस्वी यादव ने इसे महज चुनावी दस्तावेज न बताते हुए एक सामाजिक परिवर्तन का संकल्प पत्र कहा। उन्होंने दावा किया कि उनकी 17 महीने की सरकार ने आरक्षण की सीमा को 70% तक बढ़ाया और इसे संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा, लेकिन केंद्र सरकार ने कोई सुनवाई नहीं की।


नीतीश और बीजेपी पर हमला

नीतीश और बीजेपी पर हमला
राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार को विफल करार देते हुए कहा कि वे बीते 20 वर्षों से सत्ता में हैं, लेकिन अति पिछड़ों के लिए जो काम आज महागठबंधन कर रहा है, उसे वे पहले क्यों नहीं कर पाए? तेजस्वी यादव ने तो और भी तीखा हमला करते हुए बीजेपी को 'आरक्षण चोर' कहा और याद दिलाया कि कभी जिन्हें कर्पूरी ठाकुर जैसे नेता खटकते थे, वे अब उन्हीं की विरासत का राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब आरक्षण को सिर्फ चुनावी वादा नहीं, बल्कि अधिकार के रूप में लागू किया जाए।


घोषणा-पत्र के जरिए नया सामाजिक समीकरण

घोषणा-पत्र के जरिए नया सामाजिक समीकरण
इस घोषणा-पत्र के माध्यम से महागठबंधन ने बिहार की राजनीति में नया सामाजिक समीकरण स्थापित करने की कोशिश की है। इसमें पंचायत और नगर निकाय चुनावों में अति पिछड़ों को 30% आरक्षण देने का वादा है। साथ ही, SC/ST की तर्ज पर 'अति पिछड़ा अत्याचार निवारण कानून' बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। नियुक्तियों में 'कोई योग्य नहीं मिला' यानी 'Not Found Suitable' की अवधारणा को खत्म करने और इसे गैरकानूनी घोषित करने की बात भी कही गई है। इतना ही नहीं, शिक्षा, ठेका और सरकारी योजनाओं में भी EBC, OBC, SC और ST वर्गों को प्राथमिकता देने के लिए ठोस प्रावधानों की बात की गई है।


विपक्ष का समर्थन और सामाजिक प्रतिनिधित्व की राजनीति

विपक्ष का समर्थन और सामाजिक प्रतिनिधित्व की राजनीति
पटना के चाणक्य होटल में आयोजित इस कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, वीआईपी पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी समेत कई अन्य दलों के वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे, जिससे यह स्पष्ट संकेत गया कि महागठबंधन अब सिर्फ सीटों का बंटवारा नहीं, बल्कि एक विचारधारा और सामाजिक न्याय के साझा एजेंडे के आधार पर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रहा है।