बिहार चुनाव 2025: महागठबंधन में मुख्यमंत्री पद को लेकर असमंजस और सीट बंटवारे की खींचतान

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी
Bihar Election 2025 : जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, महागठबंधन (INDIA Bloc) में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने खुद को संभावित मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तुत किया है, जबकि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर अब तक कोई स्पष्ट समर्थन नहीं दे पाई है। कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने सोमवार को कहा कि “सभी गठबंधन दल उचित समय पर मिलकर निर्णय लेंगे।” यह बयान तेजस्वी के उस दावे के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि गठबंधन चुनाव में अपना मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करके ही उतरेगा।
सीट बंटवारे पर खींचतान
सीट बंटवारे पर बनी हुई है खींचतान
महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आरजेडी कम से कम 150 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है, जो कुल 243 सीटों में से एक महत्वपूर्ण संख्या है। इससे कांग्रेस, वामपंथी दलों और अन्य सहयोगी दलों को केवल 93 सीटें मिलेंगी। वामदलों की ओर से 40 सीटों पर दावेदारी की बात की जा रही है, जो 2020 के चुनावी प्रदर्शन के आधार पर तय की गई है।
महागठबंधन में नए समीकरण
इस बीच, हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के महागठबंधन में शामिल होने की संभावनाओं ने समीकरण को और जटिल बना दिया है।
2020 का चुनावी प्रदर्शन
2020 का प्रदर्शन: RJD आगे, कांग्रेस फिसड्डी
2020 विधानसभा चुनावों में महागठबंधन में सबसे अच्छा प्रदर्शन राजद ने किया था, जिसने 144 सीटों में से 75 पर जीत हासिल की थी। वामदलों में CPI (ML) ने 19 में से 12, CPI ने 6 में से 2, और CPM ने 4 में से 2 सीटें जीती थीं। वहीं, कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा, जिसे 70 में से केवल 19 सीटों पर सफलता मिली थी। इस बार सीट बंटवारे में कांग्रेस को ज्यादा सीटें मिलने की संभावना कम नजर आ रही है, जिससे पार्टी में असंतोष उभर सकता है।
तेजस्वी का बयान और कांग्रेस की चिंताएं
तेजस्वी का दावा और कांग्रेस की चिंता
तेजस्वी यादव ने हाल ही में कहा, “क्या हम बीजेपी हैं कि हमारे पास कोई नेता ही नहीं है?” यह बयान कांग्रेस के कुछ नेताओं को पसंद नहीं आया, जो महागठबंधन की साझा रणनीति पर सवाल खड़े कर सकते हैं। वहीं, कांग्रेस अभी भी गठबंधन की एकजुटता को प्राथमिकता देते हुए विवाद टालने की कोशिश कर रही है।