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बिहार चुनाव: एक्जिट पोल और मोदी की वापसी पर सवाल

बिहार चुनाव में एक्जिट पोल भाजपा की जीत का संकेत दे रहे हैं, लेकिन क्या यह वास्तविकता में बदल पाएगा? नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया और राहुल गांधी के आरोपों के बीच, यह चुनाव भारतीय राजनीति का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। क्या मोदी की वापसी संभव है? जानें इस लेख में।
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बिहार चुनाव: एक्जिट पोल और मोदी की वापसी पर सवाल

एक्जिट पोल के आंकड़े और भाजपा की स्थिति

17 एक्जिट पोल एनडीए की जीत का संकेत दे रहे हैं, खासकर भाजपा के लिए। भाजपा ने 101 सीटों पर चुनाव लड़ा है, और एक्जिट पोल उसे 95 सीटों पर विजयी बता रहे हैं। इसका स्ट्राइक रेट कितना है? 95 या 94? महागठबंधन को केवल 32 सीटें मिलने का अनुमान है। बिहार में चुनाव पूरी तरह से मोदी के नाम पर लड़ा गया, जबकि नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के रूप में भी नहीं पेश किया गया। इसलिए, निर्णय मोदी पर ही निर्भर है।


नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक्जिट पोल पर खुशी व्यक्त कर रहे हैं, लेकिन वे यह भूल रहे हैं कि ये केवल अनुमान हैं। 2015 में जब असली नतीजे सामने आए थे, तब भी टीवी चैनलों ने एक्जिट पोल के आंकड़ों को गलत साबित किया था और भाजपा को सत्ता में लाया था।


गोदी मीडिया और एक्जिट पोल

इस बार गोदी मीडिया ने भाजपा को जिताने के लिए ऐसे आंकड़े पेश किए हैं कि जो भी इन अनुमानों को वास्तविकता में बदलने की कोशिश करेगा, उसे डर नहीं लगेगा। भाजपा को 95 प्रतिशत का स्ट्राइक रेट दिखाया गया है।


हरियाणा में चुनावी स्थिति

हरियाणा में सभी टीवी चैनलों ने कांग्रेस की जीत की भविष्यवाणी की थी, लेकिन भाजपा को विजयी घोषित कर दिया गया। खुद भाजपा के उम्मीदवारों को भी अपनी जीत पर विश्वास नहीं था। मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी ने कहा कि उन्होंने सभी व्यवस्थाएं कर ली हैं।


राहुल गांधी का आरोप

राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि चुनाव में 25 लाख फर्जी वोट डाले गए। उनका कहना है कि यही साजिश बिहार में भी की जा रही है।


चुनाव प्रबंधन पर चिंता

14 नवंबर को चुनाव परिणाम चाहे जो भी हों, यह चिंता का विषय है कि चुनावों को किस हद तक प्रबंधित किया जा रहा है। एनडीए की जीत या महागठबंधन का मुद्दा अलग है, लेकिन एकतरफा एक्जिट पोल दिखाना एक गंभीर मुद्दा है।


टीवी चैनलों की विश्वसनीयता

गोदी मीडिया को अब खबरों की सच्चाई से कोई फर्क नहीं पड़ता। हाल ही में, एक प्रमुख टीवी चैनल ने अभिनेता धर्मेन्द्र की मृत्यु की झूठी खबर चलाई, जिसके बाद किसी ने माफी नहीं मांगी।


मोदी की वापसी पर सवाल

यह चुनाव केवल एक विधानसभा का चुनाव नहीं है, बल्कि यह देश की राजनीति का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। प्रधानमंत्री मोदी की वापसी दांव पर है। 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद से मोदी की लोकप्रियता में कमी आई है।


बिहार चुनाव का महत्व

बिहार का चुनाव यह बताएगा कि मोदी की वापसी संभव है या नहीं। नीतीश कुमार की स्थिति और आरजेडी का आधार भी महत्वपूर्ण है। यदि जनता ने वही वोट दिया जो वे चाहती हैं, तो यह चुनाव भारतीय राजनीति को एक नई दिशा में मोड़ सकता है।